मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ को अपनी बसपा प्रमुख मायावती की धमकी का सामना करना पड़ रहा हैं, जिन्होंने राज्य में अपने समर्थन पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस के बाद कमल नाथ ने बुधवार को कहा कि किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर किया जाएगा, और सभी दलों का समान उद्देश्य हैं भाजपा से लड़ना।
कमल नाथ ने कहा,” मायावती की पार्टी का उद्देश्य भी वही हैं जो हमारा हैं, भाजपा को सत्ता से बाहर निकालना। हमारा उद्देश्य और विचारधारा समान हैं। यहां हमारे बीच कोई फूट या दुर्भावना नही हैं। अगर कोई गलतफहमी हैं भी तो उसे दूर की जाएगी, कमल नाथ जो कांग्रेस के राज्य में सबसे बड़े दल के रूप में दिसंबर में मुख्य मंत्री बने थे।
मायावती, जो बहुजन समाज पार्टी(बसपा)की प्रमुख हैं, ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के कांग्रेस में शामिल होने पर ज्योतिरादित्या सिंधिया को गुना संसदीय क्षेत्र में मदद करने पर क्रोधित होते हुए प्रतिक्रिया दी थी।
गुना से सपा- बसपा गठबंधन के उम्मीदवार लोकेंद्रा सिंह राजपुत सोमवार को ज्योतिरादित्या सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जो 2009 से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं।
बहुमत से तीन सीटे दूर कांग्रेस के 230 सदस्य वाली विधानसभा में 113 विधायक हैं। बसपा और सपा के तीन विधायकों और निर्दलियों के चार को मिलाकर यह आकड़ा 120 तक पहुंच गया हैं। अगर मायावती अपना समर्थन वापस लेती हैं, तो आकड़ा 118 पर आ जाएगा। भाजपा जिसने मध्य प्रदेश में 15 साल तक शासन किया था, उसको चुनाव में 109 सीटें मिली थी।
मायावती ने ट्वीट कर कहा था, कांग्रेस भाजपा से कम नही हैं अधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग करने में, उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार पर दवाब ड़ाल कर कांग्रेस में शामिल किया गया हैं।
सिंधिया इस निर्वाचन क्षेत्र से पांचवी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2002 से गुना सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब उनके पिता माधव राव सिंधिया के देहांत के बाद चुनाव हुए थे।
राष्ट्रीय चुनाव में 12 मई को गुना लोकसभा सीट पर चुनाव होंगे जो कि 19 को समाप्त होने वाले हैं। नतीजों की घोषणा 23 मई को होंगे।