पाकिस्तान की संसद में बाल विवाह कप रोकने के लिए एक बिल पारित किया गया है जिसके तहत अब लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष होगी। वर्तमान मर पाकिस्तान में लड़कियों की शादी की उम्र 16 और लड़को के लिए 18 तय है।
मंगलवार को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 1929 में बदलाव के प्रस्ताव को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सांसद शेरी रहमान ने पारित किया था। सरकार के मुताबिक यह बाल विवाह को रोकने के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा।
संसद में कुछ सांसदों ने इस बिल की खिलाफत करते हुए इसका विरोध किया है क्योंकि इस इस्लाम के अनुकूल नही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष के भारी विरोध के कारण इस विधेयक को सोमवार को पारित कर दिया गया था।
सांसद गफूर महमूद ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि निकाह के लिए 18 वर्सज की उम्र तय करना शरिया कानून के खिलाफ है और इस विधेयक को आगे विचार के लिए इस्लामी विचारधारा परिषद में भेज जा सकता है।
धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नुरुल कादरी ने कहा कि इस तरह का एक विधेयक साल 2010 में आईआइसी को भेज गया था लेकिन परिषद ने इन विधेयक को वापस लौट दिया था क्योंकि यह फौकाह के अनुरूप नही था। युवावस्था की उम्र समयानुसार बदलती नही है और इसे तय नही किया जा सकता है।
संसद के पूर्व अध्यक्ष सांसद रजा राबानी ने कहा कि अन्य इस्लामी देशो में भी लड़कियों की निकाह की उम्र 18 वर्ष तय की गई थी। उन्होंने कहा कि सिंध की संसद इस तरह के प्रस्ताव को पहले ही पारित कर चुकी है और इसका न ही विरोध किया गया था और किसी मंच में इसे चुनौती दी गयी थी।
उन्होंने कहा कि हम पश्चिमी मूल्यों का प्रचार नही कर रहे हैं लेकिन हम मासूमो की जिंदगियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि पाकिस्तान में हर 20 मिनट में एक महिला की मौत होती है और इसका कारण जल्द शादी होना है।