चीन की मीडिया ने एक बयान ने कहा कि भारतीय नौसेना के सैनिक गैर पेशेवर है, त्रुटि प्रवण और इमरजेंसी से रक्षा के लिए तैयार नही रहते हैं। बीते हफ्ते भारत के एयरक्राफ्ट आईएनएस विक्रमादित्य में आग लग गयी थी जिसमें एक नौसेना के अफसर की मृत्यु हो गयी थी।
इसकी प्रतिक्रिया में भारत वायुसेना ने कहा कि हमें उत्कृष्ट स्तर की पेशेवर होने पर गर्व है। हमारे अफसर एयरक्राफ्ट से लेकर परमाणु पनडुब्बियों का संचालन बड़े गौरव सर करते हैं।
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने चीन की मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि नौसेना की ताकत पिछली गलतियों से सीखने और सही तरीके से उसे लागू करने के लिए जानी जाती है।
इस आर्टिकल में विशेषज्ञ के हवाले से लिखा गया है कि भारतीय नौसेना ने अपनी पिछली गलतियों से कुछ नही सीखा है । आईएनएस विक्रमादित्य में लगी आग को बुझाने के दौरान एक अधिकारी की मौत हो गयी थी ।
हाल ही में भारत की नौसेना के दो जहाजो ने चीनी नौसेना के 70 वीं सालगिरह में भाग लिया था।यह आयोजन किंगडाओ में हुआ था। इसमे से एक आईएनएस कोलकाता था। यह दोनो जहाज पीपल लिब्रेशन आर्मी की वर्षगांठ पर आयोजित परेड में हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए थे।
शुक्रवार को आईएनएस विक्रमादित्य पर कर्नाटक के कारवार में आग लग गयी थी और इस दुर्घटना में लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान की मृत्यु हो गयी थी। नौसेना ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने आग पर काबू कर लिया था और इससे युद्धपोत की क्षमता को कोई खासा नुकसान नही हुआ था।
चीनी विश्लेषक जाई ने कहा था कि आग किसी मैकेनिकल दिक्कत के कारण नही लगी थी बल्कि वह एक व्यक्ति की गलती थी। आग लगने और इसको बुझाने की प्रक्रिया से अंदाजा होता है कि भारत की नौसेना ऐसे आपदाओं से निपटने के लौए तैयार नही है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय मे भारत ने अपनी सेनाओं में काफी विकास किया है। लेकिन भारत के मिलिट्री कल्चर में अभी काफी कमी और लापरवाही है। इसके कारण भारत अपनी सेना को नए उपकरणों के प्रभावी प्रशिक्षण देने में असमर्थ है।
30 वर्षीय डीएस चौहान ने इस पर सवार 1500 सैनिको की जान बचाई थी। नौसेना ने उनके जज्बे को सलाम किया है और कहा कि नौसेना हरदम उनके परिवार के साथ है।