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    पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने मंगलवार को इस्लामाबाद अदालत में इलाज के लिए जमानत में छह हफ्तों की अवधि बढ़ाने की याचिका दायर की है। नवाज़ शरीफ ने कहा कि “यदि उनकी याचिका खारिज की जाती है तो यह अपूरणीय क्षति होगी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।”

    अल अज़ीज़िया गबन मामले में नवाज़ शरीफ को सात साल की कारावास की सज़ा सुनाई गयी थी हालाँकि पाकिस्तानी शीर्ष अदालत ने इलाज के लिए उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। 7 मई को उनकी जमानत खत्म हो जाएगी।

    डॉन अखबार के मुताबिक, जमानत समयसीमा खत्म होने से पूर्व उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर दी है। समयसीमा बढ़ाने के साथ ही उन्होंने विदेश जाने की अनुमति मांगी है ताकि लंदन के अपने डॉक्टर से इलाज करवाया जा सके।

    नवाज़ शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस अहमद ने अदालत में यह याचिका दायर की है। इसके मुताबिक नवाज गंभीर दिल की बीमारी से ग्रस्त हैं और उन्हें इलाज बेहद जरूरत है। नवाज़ के समक्ष एक ही विकल्प मौजूद है कि वह जिन डॉक्टरों से अपना इलाज करवा रहे हैं उन्ही को दोबारा दिखाया जाए।

    उन्होंने कहा कि “यह न्याय के हित में हैं कि याचिकाकर्ता को शर्त के साथ जमानत दे दी जाये।” वरिष्ठ डॉक्टरों ने नवाज़ शरीफ की गंभीर बीमारी ह्यपरटेंशन, हृदय सम्बन्धी समस्या और गुर्दे की बीमारी के बाबत रिपोर्ट दी थी। हाल ही में आगा खान यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम ने उनके पिता मिया नवाज़ शरीफ की जांच की थी। उच्च स्तर के हृदय सम्बन्धी, वैस्कुलर सर्जन और किडनी रोग विशेषज्ञ शामिल थे।

    एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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