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    डोनाल्ड ट्रम्प और हसन रूहानी

    ईरानियन टीवी पर जारी ब्रॉडकास्ट में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रों पर तेल आयात को शून्य  करने के दबाव के बावजूद हम तेल का निर्यात जारी रखेंगे। ईरानी तेल को शून्य करने का अमेरिका का निर्णय गलत और भूल से लिया गया निर्णय है।”

    उन्होंने कहा कि “आयगामी महीनो में अमेरिका भी देखेगा कि हम तेल का निर्यात जारी रखेंगे। अगर अमेरिका एक तरीका बंद कर देगा तो हम दूसरा तरीका ढूंढ लेंगे।” नवंबर से बीते हफ्ते तेल की कीमतों ने सबसे अधिक उछाल मारा है। अमेरिका ने कहा कि “ईरान का तेल खरीदने के लिए जिन देशों को रिआयत दी गयी थी वह अगले हफ्ते खत्म होने वाली है।”

    अमेरिका ने आयातकों पर तेहरान से तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाया था। ईरानी तेल के खरीददारों से अमेरिका ने बीते सोमवार इसे रोकने की मांग की थी। छह माह की रिआयत खत्म कर दी थी जो ईरान के आठ बड़े ग्राहकों को दी गयी थी।

    उन्होंने कहा कि “ईरान की आम आवाम अमेरिकी प्रतिबंधों का दबाव महसूस कर रही है। नवंबर से तेल ने सासबसे अधिक उछाल मारी है।” हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने रविवार को कहा कि “तेहरान परमाणु अप्रसार संधि से अपना नाम वापस ले लेगा और यह अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद काफी मौजूद विकल्पों में से एक है।”

    बीते वर्ष अमेरिका ने साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। इसके बावजूद ईरानी सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए निरंतर प्रतिबन्ध थोपता रहता है। बीते वर्ष नवंबर में अमेरिका ने बैंकिंग, ऊर्जा और शिपिंग उद्योग पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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