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    mayawati

    मध्य प्रदेश संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार के पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो जाने के एक दिन बाद, अति क्रोद्ध मायावती ने ट्वीट कर कहा, कि वह राज्य कि कांग्रेस सरकार को समर्थन देने पर पुनर्विचार करेगी, जिसके पास बहुमत हैं।लोकेंद्र सिंह राजपूत, गुना में सपा- बसपा गठबंधन के उम्मीदवार ने सोमवार को पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस के उम्मीदवार ज्योतिरादित्या सिंधिया के समर्थन में आ गए।

    अगर मायावती ने कमल नाथ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, तो कांग्रेस की बहुमत 230 सदस्य विधानसभा में लड़खड़ा जाएगी, जहां बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत हैं।

    सोशल मीडिया के एक पोस्ट में, लोकेंद्र सिंह राजपुत, एक माला पहनी हुई थी, और ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी साथ में देखा गया, यह उनके कांग्रेस में शामिल होने की ओर संकेत करता हैं। सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, ” कांग्रेस में शामिल होकर युवा उम्मीदवार लोकेंद्र सिंह ने अपना समर्थन हमे दिया हैं। हम उनका कांग्रेस परिवार में स्वागत करते हैं।

    बसपा प्रमुख मायावती, ने अपने ट्वीट में कहा, कांग्रेस आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग करने में  भाजपा से कम नही हैं, जिसका अर्थ हैं कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार को कांग्रेस में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया हैं।

    मायावती ने ट्वीट कर कहा- ” बसपा उम्मीदवार को डराया, धमकाया और जबरदस्ती पार्टी छोड़ने को मजबूर किया गया, लेकिन बसपा अपने स्वयं के प्रतीक पर चुनाव लड़कर इसका जवाब देगी और इस पर भी विचार करेगी कि राज्य में कांग्रेस को समर्थन दे या नही दे।”

    दिसंबर में, कांग्रेस के बहुमत से दो सीट कम होने पर, मायावती ने अनिच्छा से अपनी पार्टी का समर्थन कांग्रेस सरकार को देने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन छिंदवाड़ा विधायक ने मुख्यमंत्री कमल नाथ के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ करते हुए इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के 113 सदस्य और बसपा, समाजवादी पार्टी और चार निर्दलीयों सदस्यों को मिलाकर 120 तक संख्या पहुंच गई। अगर मायावती अपनी धमकी पर कायम रहती हैं, तो कांग्रेस की दो सीट कम हो जाएंगी- और समाजवादी भी इसी रहा पर चलती हैं तो तीन कम हो जाएंगी। भाजपा जिसने मध्य प्रदेश में 15 वर्षों तक राज किया, ने 109 सीटे जीती थी।

    सिंधिया इस निर्वाचन क्षेत्र से पांचवी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वह गुना का प्रतिनिधित्व 2002 से कर रहे हैं, यह सीट उनके पिता के पास थी जिनकी मृत्यु के बाद चुनाव द्वारा इस सीट पर उन्हें चुना गया था।

    गुना में राष्ट्रीय चुनाव 12 मई को होने हैं जिनका समापन 19 मई को होना हैं। नतीजों की घोषणा 23 मई को किए जाएंगे।

     

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