पाकिस्तान ने सोमवार को ऐलान किया कि “आतंकवाद से निपटने के लिए 30000 मदरसों को अपने नियंत्रण में लेगा और उनकी शिक्षा प्रणाली को मुख्यधारा में लाएगा।” पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “देश में 30000 मदरसे मौजूद हैं और उसमे सैकड़ों ऐसे हैं जिनमे अभी भी आतंकवाद की तालीम दी जा रही है।”
उन्होंने कहा कि “छात्रों को असल शिक्षा से रूबरू करने के लिए इन मदरसो को शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में लाना आवश्यक है। हम ऐसा पाठ्यक्रम बनायेगे जिसमे गुनाह के लिए कोई जगह नहीं होगी और छात्रों को सभी सम्प्रदायों का सम्मान करना सिखाया जायेगा।”
उन्होंने कहा कि “अभी यह मदरसरे उद्योग मंत्रालय के अधीन आते हैं। पाकिस्तानी सरकार मदरसों में आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए नकद राशि मुहैया करेगी। ऐसे ही धन का आवंटन मदरसे में शिक्षा के लिए फरवरी में किया गया था।”
सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि “इस कार्यक्रम को जारी रखने के लिए 100 करोड़ रूपए की जरुरत होगी और इसकी देखरेख के लिए प्रतिवर्ष एक अरब का खर्चा आएगा। हम पाकिस्तान में हिंसक अतिवाद का अंत करना चाहते हैं और यह तभी मुमकिन है जब हमारे बच्चों के समक्ष शिक्षा और मौके बराबर हो।”
मार्च में पाकिस्तानी सरकार ने ऐलान किया था कि उन्होंने 182 धार्मिक मदरसों पर नियंत्रण कर लिया है और प्रतिबंधित समूहों पर कार्रवाई के लिए 100 से अधिक लोगो को हिरासत में लिया है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने के आरोप लगाया था जिससे पाकिस्तान पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया था।
आसिफ गफूर ने कहा कि “अगले एक महीने में बिल तैयार किया जायेगा और इसके बाद पाठ्यक्रम को अंतिम स्वरुप दिया जायेगा और बेहतरीन शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। पाकिस्तान में कोई भी आतंकी समूह मौजूद नहीं है क्योंकि सरकार ने उनके संगठित ढाँचे को ही तोड़ कर रख दिया है।”