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    लीबिया में संघर्ष

    लीबिया की राजधानी पर नियंत्रण के लिए संघर्ष जारी है और इस कारण हज़ारो लोग विस्थापित हो चुके हैं और वहां की मानवीय हालत बिगड़ती जा रही है। लीबिया में यूएन मानवीय संयोजक मारिया डॉ वल्ले रिबेइरो ने कहा  कि “जितने लम्बे समय तक ऐसे हालात कायम रहेंगे तो हालात ऐसे ही बिगड़ते रहेंगे।”

    लिबयन नेशनल आर्मी के ताकतवर व्यक्ति खलीफा हफ्तार ने 4 अप्रैल को त्रिपोली पर आक्रमण करने के आदेश दिए थे। राजधानी पर यूएन समर्थित सरकार गवर्मेंट ऑफ़ नेशनल एकॉर्ड का नियंत्रण है।

    उन्होंने कहा कि “जब हम अधिक जनसँख्या वाले इलाकों में हवाई ताकत का इस्तेमाल होते हुए देखते हैं, तो आशावादी होना बहुत मुश्किल हो जाता है।” वह एलएनए द्वारा शनिवार को त्रिपोली में हवाई हमले के बाद बोल रही थी जिसमे चार लोगो की मौ हो गयी और 20 लोग जख्मी हो गए थे।

    उन्होंने कहा कि “हम नागरिकों के सम्मान की मांग करना जारी रखेंगे, मानवीय सहायता मुहैया करने बाबत बोलना जारी रखेंगे और अधिकतर लोग संकट से हालातों को शान्तिपूर्ण तरीके से सुलझाने में मदद करेंगे। इस संघर्ष में 278 लोगो की जान गयी है जबकि 1300 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। इन हालातों ने त्रिपोली के आस-पास के क्षेत्र से 41000 लोगो को भागने के लिए मज़बूर किया है, लेकिन कई लोग फंस चुके हैं और उन्हें मानवीय सहायता की जरुरत है।”

    संकट में प्रवासी

    3500 प्रवासियों और शरणार्थियों को आक्रमक क्षेत्र के नजदीक नज़रबंद शिविरों में रखा गया है जो खतरे में हैं। डॉक्टर्स विथाउट बॉर्डर ने कहा कि “कई शरणार्थी और प्रवासी इस हमले में मृत और घायल हुए थे। साल 2011 में तानाशाह मोहममद गद्दाफी की मौत के बाद लीबिया में अराजकता फैली हुई हैं।” मानव तस्कर इन हालातो का फायदा उठा रहे हैं।

    इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन फॉर माइग्रेशन के मुताबिक, करीब 6000 शरणार्थियों को लीबिया के आधिकारिक कैद्गृह में रखा गया था। रविवार को पॉप फ्रांसिस ने कहा कि “उन्हें बाहर निकालने के लिए मानवीय दरवाजो को खोला जाना चाहिए।”

    यूएन अधिकारी ने मूलभूत सुविधाओं की कमी की चिंता भी जाहिर की थी, इसमें बिजली और जल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि “लीबिया के लिए अधिक मानवीय सहायता की जरुरत है। हम अतिरिक्त 1.02 करोड़ डॉलर की सहायता राशि देने की अपील करते हैं। यह रकम भी सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकेगी लेकिन यह पहले तीन-चार हफ्तों के लिए जरूर मददगार होगी।”

    संघर्ष के पहले सप्ताह के दौरान उन्होंने कहा कि “10 लाख से अधिक किताबे शिक्षा मंत्रालय के वॉर हाउस में रखी थी लेकिन परिसर में हमले से वह तबाह हो गयी थी।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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