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    ग्वादर बंदरगाह में सीपीईसी परियोजना

    चीन और पाकिस्तान ने 60 अरब डॉलर के सीपीईसी समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर कर अपने सहयोग को दृढ़ कर लिया है। इसमें कराची-पेशेवर रेलवे लाइन का निर्माण, मुक्त व्यापार समझौते और सूखे बंदरगाह की स्थापना के दुसरे चरण का कार्य भी शामिल है।

    मुक्त व्यापार समझौता

    यह समझौते चीन-पाक आर्थिक गलियारे के अगले चरण का भाग है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान 25 अप्रैल को बीआरआई की दूसरी बैठक के लिए बीजिंग आये थे। उन्होंने डबल रेलवे ट्रैक का कराची से पेशेवर तक निर्माण करने के समझौते पर भी दस्तखत किये गए हैं।

    इस रेलवे समझौते का शीर्षक “डिक्लेरेशन फॉर कम्पलीशन ऑफ़ प्रिलिमिनेरी डिज़ाइन ऑफ़ फेज-1 फॉर उपग्रडेशन ऑफ़ एमएल-1” है। चीन की ट्रिलियन डॉलर परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का आयोजन 26-27 अप्रैल को हुआ था। सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रान्त से जोड़ेगी और यह 3000 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगी।

    सीपीईसी के बाबत भारत ने चीन के समक्ष विरोध किया था क्योंकि यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। पिछली रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची-पेशावर रेलवे लाइन 1680 किलोमीटर की दूरी को कवर करेंगी। चीन ने 8.4 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता मुहैया की है।

    सीपीईसी प्रोजेक्ट

    इमरान खान ने बीते वर्ष अगस्त में सत्ता पर आसीन हुए थे और उनकी सरकार ने सीपीईसी परियोजना की उच्च लागत पर चिंता व्यक्त की थी। रेलवे मंत्री शेख रशीद ने दो अरब डॉलर के कर्ज को कम किया था। इमरान खान ने नवंबर में पहली बार चीन की यात्रा की थी और वह पाकिस्तान के पश्चिमी क्षेत्रों की तरफ सीपीईसी प्रोजेक्ट का विस्तार करने के लिए भी रज़ामंद हो गए थे।

    चीन ने कहा कि “सीपीईसी प्रोजेक्ट्स पर हमने 19 अरब डॉलर का खर्च किया है।” चीनी विदेश मंत्रालय ने कर्ज के भार के बाबत कहा कि “सिर्फ 20 फीसदी कर्ज ही चीन ने मुहैया किया है और शेष 80 प्रतिशत या तो प्रत्यक्ष तौर पर निवेश किया गया है या मदद के तौर पर दिया गया है।”

    पाकिस्तान नकदी के संकट से गुजर रहा है और इसके लिए वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज की मांग कर रहा है। इमरान खान को सऊदी अरब, यूएई और चीन ने अरबो रूपए की मदद की है। मंत्री रशीद ने कहा कि “यह बाड़ और पुलों के साथ 1800 किलोमीटर लम्बा डबल रेलवे ट्रैक है।

    चीन और पाकिस्तान ने मुक्त व्यापार समझौते के दुसरे चरण को शुरू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षार किये हैं। जिसके तहत चीन अपनी 90 फीसदी बाजार को पाकिस्तानी उत्पादों के लिए खोलेगा। चीन ने 11.45 अरब डॉलर का निर्यात किया था और पाकिस्तान ने चीन को 1.744 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

    खैबर पख्तूनवा प्रान्त के हवेलियन शहर में दोनों पक्षों ने एक ड्राई बंदरगाह के निर्माण के लिए हस्ताक्षर किये थे। यह काराकोरम हाईवे पर स्थित है जो चीन-पाकिस्तान को जोड़ता है। अन्य समझौतों पर रविवार को दस्तखत किये थे इसमें चीन जियोलाजिकल सर्वे, मिनिस्ट्री ऑफ़ नेचुरल रिसोर्सेज ऑफ़ चीन, द इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओसेनोग्राफी, मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी शामिल है।

    चीन-पाक ट्रेड इंस्वेस्टमेंट फोरम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “चीनी नेतृत्व की कल्पना से कही अधिक बड़ा बीआरआई बन चुका है। राष्ट्रपति शी से बातचीत के बाबत कहा कि मेने चीन से विज्ञान और तकनीक में मदद लेने के लिए वार्ता की थी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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