तीन साल पहले की बात है, जब मुक्केबाज पूजा रानी दिवाली में पटाखे चलाते वक्त अपने सीधा हाथ बुरी तरीके से जला बैठी थी। लेकिन यह बात उनके लिए एक मामूली बात थी क्योंकि एक साल बाद वह फिर अभ्यास दिनचर्या में वापस लौट गई थी। लेकिन परेशानियो का सिलसिला उनके लिए फिर भी नही थमा और उन्हे कंधे में चोट आ गई और उन पर नजर रखने वालो का लगा कि 28 वर्षीय मुक्केबाज का सफर अब यही समाप्त हो जाएगा।
लेकिन हरियाणा के भिवानी जिले के निमरीवाली गाँव का बाहदुर बॉक्सर ने हार नही मानी थी। दो साल के अंतराल के बाद, पूजा ने 2018 में 81 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बनकर एक शानदार वापसी की।
शुक्रवार को पूजा ने एक और शानदार प्रदर्शन दिखाया और विश्व चैंपियन वेंग लिना को बैंकॉक में हो रहे ऐशियन चैंपियन के फाइनल मुकाबले में मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
पूजा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,
2016 में, मैंने दिवाली के पटाखे फोड़ते समय अपना हाथ जलाया था।दाहिने हाथ को बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ था। मैंने इसके बाद सर्जरी करवाई थी और इससे उवरने में मुझे आठ से नौ महीने लग गए थे। पूर्ण पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया लगभग एक वर्ष तक चली।”
उन्होने आगे कहा,
” जब उसके बाद मेरे कंधे पर चोट आई तो कई लोगो ने सोच लिया था कि मेरा करियर समाप्त हो गया है। लेकिन उसके बाद मैंने नेशनल में एक अच्छी वापसी की और नेशनल चैंपियन बनी और अब में एशियन चैंपियन हूं।”
अकेले थी मेरे पीछे किसी का समर्थन नही था: पूजा
जब उनका हाथ ठीक हुआ, तो पूजा ने एक और झटका लगने से पहले अभ्यास शुरु कर दिया था। “फिर 2017 के अंत में, यह मेरी किस्मत थी कि मैं एक विनाशकारी कंधे की चोट के साथ थी। डॉक्टरों ने पाया कि एक लैब्रम टीयर है और मुझे बताया कि मुझे काफी लंबे समय तक खेल से दूर रहना होगा।
मुक्केबाज ने कहा, ” लेकिन उस समय सर्जरी के लिए नही गई और क्योंकि इससे मेरा ज्यादा समय बर्बाद होता। मैंने फिजियोथेरेपी करवाई और इसने मेरे लिए काम किया। उस समय मैं अकेले थी और मेरा साथ देने वाला कोई नही था।”