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    babul supriyo

    आसनसोल, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री व पश्चिम बंगाल आसनसोल लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो का मानना है कि विपक्ष का गठबंधन नरेंद्र मोदी के शासन के लिए न ही कोई खतरा बनेगा और न ही कोई परेशानी पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ‘भ्रष्ट राजनीतिक नेताओं का गंभीर आरोपों से भागने का एक प्रयास मात्र है।’

    अपने क्षेत्र दुर्गापुर में जनसभाओं के लिए जाने के दौरान आईएएनएस से बातचीत करते हुए सांसद सुप्रियो ने इस बात पर भी चर्चा की कि मतदान पर ‘महागठबंधन’ का क्या असर पड़ेगा। साथ ही उन्होंने ‘ममता सरकार के उन पर और उनके साथी नेताओं पर हो रहे अत्याचारों’ और ‘भ्रष्टाचार से निपटने में मोदी सरकार की भूमिका’ पर भी बात की।

    उमस भरी अप्रैल की दोपहर को आसनसोल में अपनी एसयूवी में बैठकर जा रहे सुप्रियो ने कहा, “यह अब हास्यास्पद बात है कि विपक्ष अब दो मोचोर्ं की बात कर रहा है, एक कांग्रेस के साथ और एक कांग्रेस के बिना। सच्चाई यह है कि कोई मोर्चा है ही नहीं। यह और कुछ नहीं भ्रष्टाचारियों के बीच में एक सांठगांठ है। वे अपने ऊपर लगे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों से पिछले दरवाजे से बच निकलना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा, “उनके कुछ लोगों को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत तक लेनी पड़ी है। यह समझना होगा कि यह सिर्फ आरोप नहीं है, गंभीर आरोप है जिसके लिए उन्हें न्यायालय से अग्रिम जमानत लेनी पड़ी है।”

    तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी पर हमला करते हुए सुप्रियो ने उन्हें इस बात पर घेरा कि चिटफंड घोटाले की जांच के सिलसिले में शहर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्रयासों के विरोध में वह कोलकाता में धरने पर बैठीं।

    सुप्रियो ने कहा, “हमें यह समझना होगा कि क्यों ममता बनर्जी जैसे लोग लगातार मोदीजी के बारे में बात कर रहे हैं। ममता सरकार में रोज वेली और शारदा चिटफंड मामले में करीब 40,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और न्याय दिलाने के बदले, वह अपने संदिग्ध आईपीएस अधिकारी को कोलकाता में बचाने की कोशिश कर रही हैं।”

    गायक से नेता बने सुप्रियो ने दावा किया, “इस बात का सबूत है कि उन्होंने (राजीव कुमार ने) शारदा चिटफंड मामले में जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश की थी।”

    सुप्रियो ने आरोप लगाया कि कई विपक्षी नेता एक साथ आए हैं क्योंकि वे अपने या अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के खिलाफ चल रही जांच को रोकने के लिए बेताब हैं।

    सुप्रियो ने कहा, “विपक्षी नेताओं के अनुसार, उनके खिलाफ चल रही सभी जांच भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध है, जबकि अधिकांश जांच सर्वोच्च न्यायालय के सीधे आदेशों के तहत की जा रही है।”

    भाजपा नेता ने कहा, “तो, अगर वे कल सत्ता में आते हैं, तो क्या शारदा-नारद या (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई) रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच बंद कर देना चाहिए? क्या देश को लूटने वालों को मुक्त छोड़ देना चाहिए? नहीं, ऐसा नहीं होना चाहिए।”

    मोदी सरकार के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश कर रही ममता बनर्जी का मजाक उड़ाते हुए सुप्रियो ने कहा कि अगर केंद्र में सरकार बनाने के लिए विपक्षी गठबंधन का प्रबंधन होता है, तो उन्हें अपने प्रयासों के लिए पुरस्कार के रूप में सप्ताह में दो दिन प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल सकता है।

    उन्होंने कहा, “ममता दीदी अब दावा कर रही हैं कि वह ‘भव्य-मिलावट सरकार’ का नेतृत्व करने जा रही हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें सप्ताह में दो दिन बाकी उम्मीदवारों द्वारा प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने की अनुमति होगी। लेकिन वे दिन शनिवार और रविवार होंगे, जब अधिकांश सरकारी विभाग काम नहीं करते हैं।”

    कर्जदार डिफॉल्टर नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या को देश छोड़ने से रोकने में विफल रहने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अपराधी भाग गए क्योंकि वे समझ गए थे कि भाजपा सरकार के तहत उन्हें कोई राहत नहीं मिलेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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