देहरादून, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति ने पिछले एक महीने से आपस में झगड़ रहे दो विधायकों के लिए चुप रहने के आदेश जारी किए हैं।
खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा से विधायक देसराज कर्णवाल पार्टी हाईकमान द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी होने के बावजूद सार्वजनिक रूप से आपसे में कहासुनी करते रहे और झगड़ते रहे।
चूंकि दोनों विधायक एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं, इसलिए इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए पार्टी विधायक खजान दास की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया।
मामले में प्रगति की पुष्टि करते हुए, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने रविवार को कहा कि दोनों विधायकों को स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि वे चुप रहें और जब तक समिति अपनी रिपोर्ट पूरी नहीं कर लेती तब तक मीडिया में कोई बयानबाजी नहीं करें।
भट्ट ने कहा, “हमने समिति से उसकी रिपोर्ट जल्द पूरी करने के लिए कहा है।”
उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दोनों विधायकों के सभी विवादास्पद बयानों की वीडियोग्राफी भी की जाएगी।
पहलवान होने का दावा करने वाले चैंपियन ने कर्णवाल को डरपोक और अखाड़े में उनके खिलाफ कुश्ती का मुकाबला करने में असमर्थ बताया था। यहां तक कि चैंपियन ने इस महीने की शुरुआत में कर्णवाल को रुड़की में कुश्ती के लिए चुनौती भी दी। कर्णवाल ने हालांकि कुश्ती नहीं लड़ी जिसके बाद चैंपियन ने खुद को विजेता घोषित कर दिया।
चैंपियन ने घोषणा की, “वह (कर्णवाल) मेरे थप्पड़ का सामना भी नहीं कर सकते।”
वहीं दूसरी ओर, कर्णवाल ने आरोप लगाया कि चैंपियन मानसिक समस्या ग्रस्त हैं और उन्हें पागलखाने में भेजा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चैंपियन के पास जो डिग्री हैं वे फर्जी हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले सप्ताह दोनों विधायकों को अपने आवास पर बुलाया था और दोनों को एक दूसरे के खिलाफ अपमानजनक बयान नहीं देने को कहा था।
हालांकि, दोनों विधायकों ने मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद भी एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करना बंद नहीं किया।