नई दिल्ली, 27 अप्रैल| गिरावट पर लिवाली बढ़ने से इस सप्ताह के आखिरी तीन सत्रों में सोने के भाव में मजबूती बनी रही। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में पिछले सप्ताह के मुकाबले एक फीसदी की तेजी रही और चांदी की भी चमक बढ़ गई। मजबूत विदेशी संकेतों से घरेलू वायदा व हाजिर बाजार में सोने और चांदी में तेजी बनी रही।
भारत में शादी का सीजन शुरू होने से हाजिर मांग बनी हुई है और यह आगे भी जारी रह सकती है। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह भूराजनीतिक तनाव से महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान देखा गया।
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का जून एक्सपायरी अनुबंध पिछले सप्ताह जहां 31,463 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, वहीं इस सप्ताह के आखिरी सत्र में 31,938 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस प्रकार 475 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़त रही।
एमसीएक्स पर चांदी का मई एक्सपायरी अनुबंध 88 बीते सत्र के मुकाबले रुपये की बढ़त के साथ 37,545 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ, जबकि पिछले सप्ताह 37,230 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था।
हाजिर बाजार में भी सोने और चांदी के भाव में मजबूती बनी रही। बाजार सूत्रों के अनुसार, देश की प्रमुख सर्राफा बाजार अहमदाबाद में 24 कैरट सोने का इस समय 32,900 रुपये प्रति 10 ग्राम है और चांदी का भाव 38,620 रुपये प्रति किलो है।
देश की राजधानी नई दिल्ली के सर्राफा बाजार में 24 कैरट सोने का भाव 32,920 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव 38,560 रुपये प्रति किलो है।
बाजार सूत्रों के अनुसार, लग्न का सीजन होने के कारण सोने और चांदी की जेवराती मांग इस समय बनी हुई है।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का जून अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 8.30 डॉलर यानी 0.67 फीसदी की तेजी के साथ 1,288.30 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ जबकि पिछले सप्ताह के मुकाबले 16.40 डॉलर यानी 1.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। सप्ताह के दौरान 23 अप्रैल को सोने का भाव 1,266 डॉलर प्रति औंस तक लुढ़क गया था जोकि इस साल का सबसे निचला स्तर है।
चांदी का मई अनुबंध एक फीसदी की बढ़त के साथ 15.03 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जबकि पिछले सप्ताह के मुकाबले मामूली बढ़त रही। पिछले सप्ताह कॉमेक्स पर चांदी 14.95 डॉलर प्रति औंस पर रही थी।
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि गिरावट पर लिवाली बढ़ने से सोने में मजबूती आई है। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर ताजा घटनाक्रम और उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से भी भूराजनीतिक दबाव का माहौल है जिससे सुरक्षित निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान देखा जा रहा है।