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नीरव मोदी

लंदन, 26 अप्रैल| लंदन की एक अदालत ने शुक्रवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसकी न्यायिक हिरासत अवधि 24 मई तक बढ़ा दी। अदालत को संदेह था कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और ‘सबूतों के साथ छेड़छाड़’ कर सकता है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस को उसे 24 मई को अगली सुनवाई तक न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश दिए।

48 वर्षीय व्यापारी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वांछित है। उसे 19 मार्च को लंदन के होलबॉर्न से गिरफ्तार किया गया था, तब से वह लंदन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है।

नीरव मोदी को दक्षिण-पश्चिम लंदन के वांड्सवर्थ जेल से अदालत के समक्ष वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया।

पीएनबी ने आरोप लगाया था कि नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी ने उसके कुछ कर्मचारी की मिलीभगत से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है, जिसके बाद से प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) मामले की जांच कर रही हैं।

जनवरी 2018 में इस धोखाधड़ी की खबर सामने आने से पहले दोनों भारत से भाग गए थे।

यह तीसरी बार है, जब अदालत ने भगोड़े व्यापारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति इम्मा अरबुथनॉट ने 29 मार्च को मेट्रोपॉलिटन पुलिस को नीरव मोदी को हिरासत में लेने की मंजूरी दी थी।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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