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    चीन और पाकिस्तान

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन में कहा कि “इस्लामाबाद और बीजिंग सीपीईसी के दुसरे चरण की शुरुआत करने के लिए तैयार है। पहले चरण की परियोजनाओं को लागू करने के बाद प्रगति हुई है।”

    चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना का बेहद महत्वपूर्ण भाग सीपीईसी है। इसका मकसद प्राचीन समुद्री और सड़क मार्ग को चीन के साथ शेष एशिया और यूरोप को जोड़ना है।

    बीआरआई सम्मेलन

    इमरान खान दूसरे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भाषण दे रहे थे। भारत ने क्षेत्रीय सम्प्रभुता की चिंता के कारण सम्मेलन का बहिष्कार किया है। सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है जिस पर भारत को ऐतराज़ है। हालाँकि भारत की नाराज़गी चीन को नहीं रोक सकती है।

    इमरान खान ने कहा कि “पाकिस्तान और चीन एकसाथ सीपीईसी के अगले चरण में प्रवेश कर रहे हैं। इसमें सामाजिक  आर्थिक बढ़ाव, गरीबी से बाहर, कृषि सहयोग और उद्योग विकास शामिल है। पाकिस्तान बीआरआई का शुरूआती और अधिक उत्साही समर्थक है और सीपीईसी बीआरआई का प्रमुख अंग है और प्रगति के साथ अमल की जाने वाली परियोजना है।

    पाकिस्तान की प्रगति

    इमरान खान ने कहा कि “पाकिस्तान की ऊर्जा सप्लाई का ग्राफ बढ़ा है, महत्वपूर्ण संरचनाओं की खाई भर रही है। एक वक्त एक छोटा सा फिशिंग विलेज आज तीव्रता से कमर्शियल हब में परिवर्तित हो रहा है। गलियारे की लम्बाई, विशेष  आर्थिक क्षेत्र पाकिस्तानी, चीनी और विदेशी उद्यमियों के निवेश के लिए तैयार है। हम पाकिस्तान-चीन मुक्त व्यापार समझौते का विस्तार करने के लिए दस्तखत कर रहे हैं।”

    पाकिस्तान के सहयोग के लिए इमरान खान ने चीन को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि “मैं चीन और उसके नेतृत्व को पाकिस्तान को समर्थन करने के लिए धन्यवाद कहूंगा। चीन के साथ गहरी दोस्ती, साझेदारी और भाईचारा है जो हमेशा मज़बूत, लचीला और अटूट रहेगा।”

    पाक पीएम ने कहा कि “भूराजनैतिक अनिश्चितता की दुनिया में, असमानता बढ़ने, व्यापार में बाधाओं के बीच बीआरआई सहभागिता, साझेदारी, कनेक्टिविटी साझा समृद्धता का नमूना पेश करती है। इमरान खान बीआरआई की पांच खूबियों से प्रभावित है इसमें गरीबी के स्तर को बढ़ने से रोकना, जलवायु परिवर्तन से लड़ना, पर्यटन गलियारा, भ्रष्टाचार रोधी और उदारवाद व्यापार हैं।

    100 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से 30 प्रमुख और प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल होंगे। भारत इस दफा भी बीआरआई के समारोह का बहिष्कार करेगा। बीआरआई और मंच पर भारत की स्थिति बीते माह चीन में नियुक्त भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने बताई थी।

    उन्होंने कहा कि “सबसे ऊपर कनेक्टिविटी इस तरीके से होनी चाहिए कि वह राष्ट्रों की सम्प्रभुता, समानता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे। कोई भी देश ऐसे पहल में शामिल नहीं होगा जो उसकी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखण्डता की मूल चिंताओं को नज़रअंदाज़ करे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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