भारतीय स्पेस एजेंसी ‘इसरो’ के मुताबिक साल 2019 में भारत सूरज की सतह का अध्यन करने के लिए अपना पहला सूरज-मिशन लांच करेगा। इसरो के इस मिशन का नाम आदित्य-एल 1 मिशन होगा।
इसरो द्वारा लांच किये गए मिशन वर्तमान में मंगल गृह और चाँद का अध्यन कर रहे हैं। इसके अलावा इसरो वीनस (शुक्र) गृह की सतह पर भी पहुँचने की भी कोशिश कर रहा है।
इसरो चेयरमैन के मुताबिक अगले तीन महीनों में इसरो चार महत्वपूर्ण उपग्रह लांच करने जा रहा है। इसके अलावा अगले तीन सालों में इसरो करीबन 70 उपग्रह को अन्तरिक्ष में पहुँचाने पर काम कर रहा है।
सूरज पर मिशन भेजने का सबसे महत्वपूर्ण कारण है, सूरज पर होने वाले रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अध्यन करना। इनके अध्यन करने से सूरज से जुडी विज्ञान में भी काफी मदद मिलने के आसार हैं। अन्य अन्य वरिष्ट अधिकारी ने बताया, ‘सूरज का अध्यन इसलीये भी जरूरी है, ताकि पैराबैंगनी किरणों का भी अध्यन किया जा सके। इसके अलावा यह पता लगाया जा सके कि सूरज की सतह इतनी गरम कैसे हो जाती है?’
इस पुरे अति-महत्वपूर्ण मिशन के लिए इसरो पृथ्वी और सूरज के बीच मौजूद एक बिंदु का उपयोग करेगा, जिससे लग्रंजियन पॉइंट 1 ( एल 1 ) कहते हैं। इस बिंदु से सूरज पर होने वाले हर बदलाव पर अध्यन किया जा सकता है। इस बिंदु की वजह से ही इस मिशन को आदित्य-एल 1 नाम दिया गया है।
इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्री-हरिकोटा से लांच किया जाएगा। श्री-हरिकोटा इसरो के मिशन लांच के लिए एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण जगह है।
इस मिशन के सन्दर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “पिछले कई वर्षों से इसरो ने हमारे अन्तरिक्ष कार्यक्रम का नेत्र्तव किया है, चाहे वह उपग्रह लांच करने की बात हो, या सुरक्षा संबधित कारण। आज हमारी यह संस्था ना केवल हमारे देश में बल्कि पुरे विश्व में महत्वपूर्ण काम कर रही है। इससे हमारी ‘मेक इन इंडिया’ योजना को भी मदद मिलेगी।”