इजराइल के प्रधानमंत्री

इजराइल ने श्रीलंका से अपने नागरिकों को तुरंत वापस आने के लिए कहा है क्योंकि कोलोंबो में खतरे का स्तर अभी भी बढ़ सकता है। ईस्टर रविवार को आठ विभिन्न स्थानों पर बम विस्फोट हुआ था। यह सलाह इजराइल के आतंकी रोधी ब्यूरो ने दी है। उन्होंने कहा कि “रक्षा और विदेश मंत्रालय से चर्चा के बाद यात्रा चेतावनी जारी की है।”

इसके मुताबिक, चेतावनी को सुरक्षा हालात काफी बिगड़े हुए हैं और अभी तक खतरा पूरी तरह टला नहीं है  या ऐसी वारदात भविष्य में दोबारा हो सकती है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने श्रीलंका को मदद का प्रस्ताव दिया है। ईस्टर रविवार के दिन आठ फियादीन हमलावरों ने चर्चों और आलिशान होटलो में बम ब्लास्ट कर दिया था।

इस आतंकी हमले में 360 लोगो की मृत्यि की पुष्टि की जा चुकी है। 6000 से अधिक सैनिको को पूरे श्रीलंका में तैनात किया गया है। इस हमले का दर्ज़नो विदेशी भी शिकार हुए हैं इसमें डेनमार्क के करोड़पति के तीन बच्चे भी शामिल हैं, आठ ब्रितानी, 10 भारतीय और 4 अमेरिकी हैं।

श्रीलंका की सरकार हमले से सम्बंधित जानकारी का खुलासा करने के लिए रक्षात्मक रवैया अपना रही है। सरकार ने हमले से पहले मिली जानकारी को नजरअंदाज किया था। सूत्र के मुताबिक, श्रीलंका के पुलिस प्रमुख को 11 अप्रैल को चर्च पर इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा हमले की चेतावनी दी गयी थी।

इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली है और इसके बावजूद सरकार ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।श्रीलंका रक्षा सूत्र और भारत सरकार के सूत्र ने बताया कि भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारीयों ने पहले हमले से दो घंटे पूर्व श्रीलंकाई अधिकारीयों को आगाह करने के लिए संपर्क किया था।  ऐसी ही जानकारी श्रीलंका के ख़ुफ़िया विभाग के अधिकारीयों को 4 अप्रैल और 20 अप्रैल को दी गयी थी।

श्रीलंका की हुकूमत इस्लामिक स्टेट के वार को नाकाम करने में विफल रही है और इसकी वजह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के बीच खटपट हो सकती है जिसके कारण वह राष्ट्रीय सुरक्षा को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *