बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की दूसरी बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए वैश्विक नेता एकत्रित हो गये है। तीन दिन के सम्मेलन मे देशों को बीआरआई में शामिल होने के लिए मंच मुहैया किया जायेगा। साथ ही क्षेत्रीय जुड़ाव, पालिसी सिनर्जी, सामाजिक आर्थिक विकास, व्यापार और वाणिज्य में अनभवों और विचारो का आदान प्रदान किया जायेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने लगातार दूसरी बार इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है। इस समारोह में 37 देशों के प्रतिनिधि और नेता शामिल होंगे। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन,, पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और इटली के प्रधानमंत्री गिउसेप्पे कांटे भी इस समारोह में शामिल होंगे।
बीआरसी एक विकास की रणनीति है जिसे चीनी सरकार ने अपनाया है। इसमें ढांचागत विकास और निवेश यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देशों में किया जाना है।
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि “बीआरआई के सम्मेलन में अमेरिका से अधिकारीयों को भेजने का वांशिगटन का कोई इरादा है।” जबकि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीते हफ्ते पत्रकारों से कहा कि “अमेरिकी राजनयिक, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और कारोबारी समुदाय के सदस्य इस सम्मेलन में शरीक होंगे।”
चीन ने श्रीलंका को अत्यधिक कर्ज दिया जो कोलोंबो से चुकता न हो सका। मजबूरन श्रीलंका को हबनटोटा बंदरगाह 99 वर्ष के लिए चीन के सुपुर्द करना पड़ा। भारत भी इस समारोह का बहिष्कार कर सकता है क्योंकि सीपीईसी की परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरेगी जो भारत की सम्प्रभुता का उल्लंघन है।