ईरान की मीडिया के मुताबिक संसद में एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है दे दी गयी है जिसके तहत समस्त अमेरिकी सेना को आतंकी का दर्जा दिया गया है। बीते हफ्ते ईरान की संसद ने अमेरिकी सैनिको को मध्य एशिया में आतंकी का दर्जा देने वाले बिल को पारित किया था।
इससे पूर्व अमेरिका ने ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स को आतंकी के तौर पर नामित किया था। इस रिपोर्ट को अर्द्ध सरकारी आईएसएनए न्यूज़ एजेंसी ने कहा कि “215 सांसदों में से मंगलवार को सत्र के दौरान 173 ने बिल का समर्थन किया है।”
ईरानी सरकार को अमेरिकी दर्जे के खिलाफ अस्पष्ट कार्रवाई की भी इस बिल में मांग की गयीं है। सऊदी अरब, बहरीन और इजराइल सभी ने ट्रम्प प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन किया है। सोमवार को अमेरिका ने कहा कि “वह ईरान का तेल खरीदने के लिए किसी भी देश को अब अधिक रिआयत देने के मूड में नहीं है।”
अमेरिका ने बीते वर्ष साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबन्ध दोबारा लागू कर दिए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान की एलीट रेव्युलेश्नरी गार्ड्स कोर्प्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। इसकी प्रतिक्रिया में ईरान ने मध्य एशिया में अमेरिकी सेना को आतंकी संगठन करार दिया है।
अमेरिका के इस कदम के बाद तेहरान में जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिद से हज़ारो भक्त बाहर निकल आये और अमेरिका व इजराइल के ध्वजो को आगजनी किया। इस रैली में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका और इजराइल के विरोध में नारे भी लगाए थे।