अमेरिका ने बीते वर्ष ईरान के साथ हुई संधि को तोड़कर प्रतिबन्ध लगा दिए थे जिसमे तेल सौदेबाज़ी भी शामिल थी लेकिन वांशिगटन ने आठ देशों को रिआयत बरतते हुए तेल खरीदने की छह माह तक की छूट दी थी लेकिन अमेरिका ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह सभी देशों की रिआयत को खत्म कर रहा है।
प्रतिबन्ध गैर कानूनी हैं
ईरान ने सोमवार को अमेरिकी फैसले की आलोचना की और कहा कि यह प्रतिबन्ध सैंद्धांतिक तौर पर गैर कानूनी है। ईरानी विदेश विभाग के द्वारा जारी बयान के मुताबिक, प्रतिबन्ध को लागू करना सैंद्धांतिक तौर पर गैर कानूनी है और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान प्रतिबंधों से रिआयत पर की भी तरीके से न जुड़ी थी और न है।
बीते वर्ष नवंबर में राज्य विभाग ने आठ देशों को 180 दिनों की रिआयत दी थी ताकि तेल के वैकल्पिक स्त्रोतों की तलाश की जा सके। आठ मुल्कों में से ग्रीस, इटली और ताइवान ने पहले ही ईरान तेल के आयात को बंद कर दिया है। भारत ने इसके बाबत अभी कोई बयान जारी नहीं किया है।
चीन ने ईरान पर एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध किया है और कहा कि “ईरान के साथ उनके द्विपक्षीय सम्बन्ध कानून के तहत है।” तुर्की ने भी वांशिगटन के प्रतिबंधों को ख़ारिज किया है और कहा कि यह प्रतिबन्ध ईरान की जनता के लिए नुकसानदेय होंगे और यह क्षेत्रीय शान्ति व स्थिरता को बरक़रार नहीं रखेंगे।”
भारत और चीन की मुसीबत
ईरान के तेल के भारत और चीन सबसे बड़े आयातक है और अगर दोनों मुल्क डोनाल्ड ट्रम्प के आदेशों का उल्लघन करते हैं तो उसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है। दक्षिण कोरिया और जापान ईरानी तेल के आयात पर कम आश्रित है।
डोनाल्ड ट्रम्प के निर्णय का वैश्विक तेल बाज़ार पर भी असर पड़ेगा। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाह्यान से बातचीत की थी। इस नीति के कर्ताधर्ता राज्य सचिव माइक पोम्पिओ हैं जिन्होंने राष्ट्रपति के साथ मिलकर इस योजना को बनाया है।
ट्रम्प सरकार ईरान को वार्ता के लिए मज़बूर करना करना चाहता है लेकिन ईरान ने भी इस दबाव को ख़ारिज किया है और कहा कि ट्रम्प के आदेशों का पालन करने का उनका कोई इरादा नहीं है। बीते वर्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर सब कठोर प्रतिबन्ध थोप दिए थे जिसने ईरानी अर्थव्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया था।
हाल ही में तेहरान में सबसे भयावह बाढ़ आयी थी जिसमे 100 लोगो की मौत की पुष्टि हुई है और हज़ारो लोगो विस्थापित हुए हैं।