जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन को रोकने के लिए नोटबंदी अथवा विमुद्रीकरण की घोषणा की थी, उस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि नकदी की तुलना में देश का अधिकांश काला धन अचल संपत्ति के रूप में मौजूद है। इस मामले में केन्द्र सरकार का कहना है कि नोटबंदी देश में मौजूद कालेधन की लड़ाई के खिलाफ एक सकारात्मक कदम था, भविष्य में कालेधन के खिलाफ ऐसे कई निर्णायक कदम और देखने को मिलेंगे।
आप को जानकारी के लिए बता दें कि मोदी सरकार कालेधन के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने के मूड है। इस बार सरकार ने अचल संपत्ति को अपने निशाने पर रखा है। सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने इस बात का संकेत दिया है कि प्रॉपर्टी लेनदेन के दौरान भी आधार से लिंक कराना अनिवार्य किया जाएगा।
यूनियन हाउसिंग मिनिस्टर हरदीप पुरी ने कहा है कि प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराना बिल्कुल अनिवार्य किया जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। पुरी ने कहा कि सरकार का यह कदम अचल संपत्ति और बेनामी संपत्ति के रूप में देश में मौजूद कालेधन को उजागर करेगा।
उन्होंने कहा कि अभी मैं इसके बारे में घोषणा नहीं कर रहा हूं, लेकिन प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराने का आइडिया बहुत अच्छा है। हम पहले भी बैंक अकाउंटस आदि को आधार से लिंक करा रहे हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी मार्केट के लिए आधार से जुड़े कुछ अतिरिक्त कदम उठाए जा सकते हैं।
गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रैलियों को संबोधित करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेनामी संपत्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के संकेत दे चुके हैं। इसलिए प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराने की योजना उसी का एक हिस्सा हो सकती है।
जब पत्रकारों ने पुरी से पूछा कि क्या प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराने की योजना इकॉनोमी में पारदर्शिता लाने के लिए है, इस पर उन्होंने कहा बिल्कुल, इसमे कोई दो राय नहीं है।
सरकार सिस्टम में पारदर्शिता लाने के अपने निश्चित लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। पुरी ने आगे कहा कि कोई भी सरकार दो व्यक्तियों के बीच के लेनदेन को सौ फीसदी पारदर्शी नहीं बना सकती, फिर भी सरकार बड़े मूल्य वाली अचल संपत्ति तथा हवाई टिकटों पर निश्चित रूप से नजर रख रही है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी अर्थव्यवस्था ऐसी नहीं जो पूरी तरह से कैशलेस हो, बावजूद इसके सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। हांलाकि विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा आईडेंटिफिकेशन के लिए आधार अनिवार्यता के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।
संपत्ति के दाम हुए हैं कम
हाल ही में किये गए एक शौध से यह खुलासा हुआ है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद से बड़े शहरों में जमीन और घरों के दामों में कमी आई है।
शौध में पाया गया है कि आवासीय संपत्ति और किराये के ऑफिस आदि के दामों में अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिली है। मुंबई जैसे शहरों में आम लोग अब घर को आसानी से खरीद पा रहे हैं।