मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाया और चेतावनी दी कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर भाजपा की सरकार बनने के एक माह बाद राज्य की सरकार बदल जाएगी, तब अफसरों को उनकी औकात बताई जाएगी।”
नेता प्रतिपक्ष गुना से भाजपा के उम्मीदवार के.पी. यादव का नामांकन भराने आए थे। नेता प्रतिपक्ष भार्गव का वाहन जिलाधिकारी परिसर से 100 मीटर पहले ही रोक दिया गया, जिससे वह नाराज हो गए। नामांकन के बाद की जनसभा में भार्गव ने कहा, “केंद्र में मोदी सरकार के फिर सत्ता में आते ही एक महीने बाद मध्य प्रदेश में सरकार बदल जाएगी और हमारी सरकार आते ही इन अधिकारियों को इनकी औकात बता दी जाएगी।”
भार्गव ने पार्टी नेताओं से कहा, “ऐसे अधिकारियों के नाम नोट कर लें और चुन-चुन कर इन अधिकारियों को निपटाएंगे। ऐसे अवसरवादी अधिकारियों को छोड़ेंगे नहीं।”
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि शिवपुरी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी गाड़ियों को आचार संहिता का बहाना बनाकर जानबूझकर रोका, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया की गाड़ियों को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने तक आने दिया था।
भार्गव ने कहा कि सत्तापक्ष के इशारे पर अधिकारियों ने जानबूझकर उनकी गाड़ियों को रोका।
जनसभा के मंच से उतरने के बाद पत्रकारों से बातचीत में भार्गव ने कहा कि अधिकारियों के इस दोहरे बर्ताव को आयोग संज्ञान में लें और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करे जो नियम विरुद्ध काम कर रहे हैं। भाजपा भी इस मामले में आयोग से शिकायत करेगी।