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    जेट एयरवेज

    जेट एयरवेज को कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए बैंक कुछ रकम कर्ज पर दे सकते हैं। बैंक कर्मचारियों के एक प्रमुख यूनियन के अधिकारी ने सोमवार को यह बातें कही।

    बैंकिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया कि यह राशि कर्जदाताओं के संघ द्वारा संकटग्रस्ट जेट एयरवेज के कर्मचारियों के प्रॉविडेंड फंड या ग्रेच्युएटी गिरवी रखकर दी जा सकती है।

    उन्होंने कहा, “बैंक का संघ जेट एयरवेज को और अधिक वित्तीय मदद नहीं करना चाहती है, जो कि सही है। हालांकि बैंक जेट एयरवेज को अपने कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के उद्देश्य से कर्ज दे सकते हैं।”

    उन्होंने कहा, “चूंकि जेट एयरवेज का भविष्य स्पष्ट नहीं है, बैंकों को स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए कि कर्ज दी गई रकम का इस्तेमाल सिर्फ कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में किया जाएगा और इसके लिए एयरलाइन के कर्मचारियों के प्रॉविडेंड फंड और ग्रेच्युएटी को गिरवी रखा जा सकता है।”

    वेंकटचलम के मुताबिक, अगर एयरलाइन को नया प्रमोटर मिल जाता है और वह अपने कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखती है, तो उस वक्त वेतन के मद में बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज की वसूली हो सकती है।

    उन्होंने कहा, “अगर एयरलाइन को कोई खरीदार नहीं मिलता है, तो उसे अपने कर्मचारियों का अंतिम भुगतान करने से पहले बैंकों के बकाए की रकम का भुगतान करना चाहिए।”

    जेट एयरवेज की पायलट यूनियन नेशनल एविएटर गिल्ड (एनएजी) का कहना है कि कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए 175 करोड़ रुपये की जरुरत है। हालांकि एनएजी ने स्वेच्छा से वेतन में कटौती को लेकर कुछ नहीं कहा है।

    वेंकटचलम ने कहा, “जेट एयरवेज प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को कितना भुगतान किया जाना है, बैंकों को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। हालांकि बैंकों को समूचे वेतन के भुगतान के लिए कर्ज देने की जरूरत नहीं है, बल्कि मानवतावादी नजरिए से कुछ धन कर्ज पर देना चाहिए ताकि पूर्ण वेतन की बजाए कुछ भत्तों का भुगतान किया जा सके।”

    उन्होंने यह भी कहा कि वेतन का भुगतान उन महीनों के लिए किया जा सकता है, जब एयरलाइन अपनी सेवाएं दे रही थी। पिछले गुरुवार को कंपनी के सेवाएं ठप्प होने के बाद की अवधि के वेतन का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।

    वेंकटचलम ने कहा, “हमारा रुख यह है कि कर्मचारियों को अधर में नहीं छोड़ना चाहिए। अगर जेट एयरवेज को अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए कुछ रकम कर्ज के रूप में मिलती है तो यह एक मिसाल हो सकती है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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