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    थाईलैंड और कम्बोडिया

    कम्बोडिया और थाईलैंड के बीच एक रेलवे मार्ग का सोमवार को आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया गया था। इससे दक्षिणी पूर्वी पड़ोसियों के बीच यात्रा का समय घटेगा और कारोबार में वृद्धि होगी। कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन और उनके थाई समकक्षी प्रयुत चान ओ चा थाई सीमा चौकी पर इस उद्धघाटन समारोह के गवाह हैं। दोनों नेताओं ने ट्रैन पर पोइपेट शहर की यात्रा की थी।

    थाईलैंड और कम्बोडिया

    प्रयुत ने गहरे पीले रंग की शर्ट पहनी हुई थी और दोनों नेता ट्रैन से रवाना हुए और उन्होंने इंतजार कर रही भीड़ को प्रोत्साहित किया और वे दोनों देशों के मुल्कों के झंडे फहरा रहे थे। हुन सेन ने इस सफर को ऐतिहासिक करार दिया था और थाईलैंड को कम्बोडिया और थाईलैंड के बीच दोबारा रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए शुक्रिया कहा था।”

    उन्होंने कहा कि “अन्य दक्षिणी पूर्वी राष्ट्रों से भी इस रेलवे नेटवर्क ने बेहतर तरीके से जोड़ा है और यह अर्थव्यवस्था व व्यापार को बढ़ाएगा।” कम्बोडिया और थाईलैंड के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार 6 अरब डॉलर का है। कम्बोडिया ने बीते हफ्ते 370 किलोमीटर के रेलवे रनिंग को राजधानी फनों से थाई सीमा तक दोबारा खोला था।

    देशो के बीच व्यापार

    एशियाई डेवलपमेंट बैंक ने पुनर्निर्माण कार्य के लिए 13 अरब डॉलर की सहायता की थी। कम्बोडिया के अधिक रेलवे फ्रांस के उपनिवेशवाद के दौरान निर्मित हुए थे और यह सालो के कड़वे संघर्ष के कारण ध्वस्त ही चुके है।

    पोइपेट के नजदीक ट्रैक का 48 किलोमीटर का सेक्शन साल 1973 में ध्वस्त हो गया था जबकि शेष फनों पेन्ह के ट्रैक को बेकार हालात के कारण बंद कर दिया गया था। दक्षिणी पूर्वी एशियाई देश के समक्ष 600 किलोमीटर से अधिक ट्रैक है जो इसके थाईलैंड से सटे उत्तरी सीमा से दक्षिणी तट तक है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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