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    पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को भाजपा पर अपनी विभाजनकारी राजनीति से देश की विविधता की अनोखी ताकत को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए लताड़ा।

    उन्होंने कहा, “भाजपा अपनी विभाजनकारी राजनीति से भारत की विविधता की अनोखी ताकत को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं”।

    अमरिंदर ने बादल के लिए नरमी बरतने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अपने राज्य को लोगों के खिलाफ किए गए किसी भी अपराध के लिए दोषी पाए जाने वाले को नही बख्शेंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा, अगर प्रकाश सिंह भी दोषी पाए गए तो उनको भी सजा दी जाएगी। लेकिन उन्होंने दोहराया कि वह संवैधानिक मापदंड़ों के अनुसार कानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा, वे जिम्मेदार होने पर अपने परिणामों के नतीजों का सामना करेंगे।

    उन्होंने कहा, मैं संविधान और कानून में विश्वास करता हूं और प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ हूं।

    उन्होंने पंजब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के इस साल के पूर्व में की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह का केवल उदेश्य उनको सलाखों के पीछे भेजना हैं।

    शिरोमणी अकाली दल के संरक्षक जब फरवरी में पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री के भाषण पर टिप्पणी कर रहे थे तब उन्होंने 2015 में राज्य में हुई भयानक बलिदान की घटना के दोषियों को सजा दिलाने की कसम खाई थी।

    बादल ने इससे पहले 2015 में हुई बलिदान और पुलिस गोलीबारी की घटना के लिए विशेष जांच दल को सूचित किया था और जस्टिस रांजीत सिंह कमिशन ने कांग्रेस सरकार को नाटक के रूप में स्थापित किया और कहा कि अरमिंदर का एक मात्र लक्ष्य मुझे जेल पहुचाना हैं।

    चंडीगढ़ से 18 किलोमीटर दूर खारर के गांव चुहर माजरा, में एक पेड़ के नीचे बैठकर,अमरिंदर सिंह ने रविवार को ट्विटर पर प्रशनों की एक लंबी सूची लेते हुए और उन लोगों से जो @TwitterIndia के द्वारा #TwitterChaupal में भाग ले रहे थे।

    इस में भाग लेने वाले सभी वर्गों के लोगो ने मुख्यमंत्री से विभिन्न विषयों से जुड़े सवाल पूछे, कृषि से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य,राजनीति, खेल और बुनियादी ढांचों और कुछ व्यक्तिगत सवाल भी इसमें शामिल थे।

    अमरिंदर मे कहा, अगर वह राजनीति में नही होते तो वह अभी तक सेना में बने रहते और वहां से सेनानिवृत हो चुके होते उन्ही के पार्टी के सहयोगी सचिन पयलट के द्वारा एक सवाल ट्वीट करने पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी।

    मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, उनकी कोई राष्ट्रीय आकांक्षा नही थी, और वह पंजाब की राजनीति में हमेशा के लिए बने रहना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह दो बार संसद के सदस्य बने और पंजाब के हित को देखते हुए दोनो बार इस्तीफा दे दिया।

    2016 में, अमरिंदर ने पंजाब के लोगों के साथ 10 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सतलुज यमुना लींक के पानी के बंटवारे समझौते पर विरोध करते हुए सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया।

    2014 में सिंह भाजपा के मजबूत और वित्त मंत्री अरूण जेटली को लोकसभा सीट से हराकर संसद के लिए चुने गए।

    उन्होंने कहा, मेरी एक इच्छा हैं कि पंजब में हर कोई खुश रहे, राज्य को नशे और बेरोजगारी से आजाद होना चाहिए, यहां संपन्नता होनी चाहिए। वह मेरा आदर्श पंजाब होगा, उन्होंने आगे कहा कि हम यह सुनिश्चित करते हैं कि यह सपना पूरा हो।

    जब उनसे पूछा गया कि अगर वह 2022 में चुनाव लड़ते हैं, तो मुख्यमंत्री ने कहा- उन्हें आशा हैं कि उनके कार्यकाल की अवधि समाप्त होने तक आदर्श पंजब हकीकत में बदल जाएगा और तब वह पंजाब की बागदौड युवाओं के हाथ में दे सकेंगे, तब तक राज्य को उनकी जरूरत हैं।

    नशीली दवांओं पर, अमरिंदर ने कहा सरकार नशे विरोधी कैंप एसटीएफ की सहयोग से सख्ती से चला रही हैं और 28000 से भी ज्यदा नशीली दवाएं बेचने वाले गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

    उन्होंने समझाते हुए कहा कि सरकार क्यों चुनाव आयोग के खिलाफ कोर्ट के पास नही जा रही, समान्यता, कोर्ट चुनाव के मामलों में दखल नही देती।

    2 thoughts on “अमरिंदर सिंह: भाजपा अपनी विभाजनकारी राजनीति के कारण देश की विविधता को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं”

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