जेट एयरवेज के कर्मचारियों द्वारा एयरलाइन के अधिग्रहण की योजना कर्मचारियों के बीच आंतरिक मतभेदों के कारण परवान नहीं चढ़ी, लेकिन कर्मचारी वित्तीय संकट से जूझ रही इस कंपनी में निवेश करनेवाले किसी भी निवेशक को पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार हैं। नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
एनएजी जेट एयरवेज के पायलटों का यूनियन है।
एनएजी के उपाध्यक्ष असीम वालानी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हमने कर्मचारियों द्वारा प्रबंधन पर आंतरिक चर्चा की थी, लेकिन अलग-अलग राय होने के कारण हमने इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला नहीं किया।”
यह पूछे जाने पर कि क्या कर्मचारी कंपनी को बचाने के लिए कम वेतन पर काम करने को तैयार हैं। वालानी ने कहा, “हम नए निवेशक के साथ काम करने को तैयार हैं और एयरलाइन को दुबारा खड़ा करने में पूर्ण सहयोग करेंगे।”
उन्होंने कहा कि शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ उनकी बैठक अच्छी रही थी।
वालानी ने कहा, “मंत्री ने हमसे पूछा कि बैंकों को एयरलाइन को और कर्ज क्यों देना चाहिए। हमने उन्हें बताया कि कर्ज के लिए पर्याप्त गिरवी रखी हुई है और एयरलाइन को अपना परिचालन दुबारा शुरू करने के लिए 980 करोड़ रुपये की जरूरत है। हमने उनसे कर्मचारियों के वेतन के लिए 170 करोड़ रुपये दिलवाने को कहा।”
यूनियन अधिकारियों के मुताबिक, जेटली से उन्होंने आग्रह किया कि जेट एयरवेज के स्लॉट को किसी अन्य एयरलाइन को नहीं दिया जाए। साथ ही बोली प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प से छह महीने के लिए ईंधन आपूर्ति पर क्रेडिट मुहैया कराने का आग्रह किया, जैसा कि कंपनी ने पहले स्पाइस जेट के मामले में किया था।