ईसाईयों ने रविवार के दिन ईस्टर मनाया। इस दौरान राज्य भर के गिरिजाघरों में लोगों का जमावड़ा दिखा।
सुबह 6 बजे से लोग चर्च में एकत्रित होने लगे जहां पादरी की ओर से उन्हें केक का टुकड़ा मिला, तो कहीं लोगों को एक चम्मच वाइन भी दिया गया।
ईस्टर काल का पालन 40 दिनों तक किया जाता है। यह ऐश वेड्नस्डे से शुरू होकर 6 सप्ताह के बाद ईस्टर संडे के दिन समाप्त होता है। केक और वाइन व्रत और उपवास की इस अवधि को खत्म करता है।
इस दौरान लोग ईसा मसीह के उपवास के दिनों का स्मरण करते हैं।
चर्च में प्रार्थना करने के बाद लोग अपने घरों में जाकर ईस्टर ब्रेकफास्ट करते हैं जिसमें अप्पम, चिकन स्ट्यू, भाप में उबले केले, केक इत्यादि शामिल हैं।
ईस्टर के दिन लोग दोपहर के भोजन में भी तरह-तरह के पकवानों का लुफ्त उठाते हैं।
जनगणना के मुताबिक केरल की 3.3 करोड़ आबादी में 61.4 लाख ईसाई हैं। इनमें 29.9 लाख पुरूष और 31.4 लाख महिलाएं हैं।