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    दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

    दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के साथ गठबंधन संभव नहीं है, क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हरियाणा में गठबंधन से इंकार कर दिया है।

    सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आप दिल्ली में लोकप्रिय है और सभी सात लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी। जबकि कांग्रेस एक सीट भी नहीं जीत पाएगी।

    सिसोदिया ने कहा कि फिर भी आप ने गठबंधन पर जोर दिया, न सिर्फ दिल्ली में बल्कि दूसरे राज्यों में भी, ताकि मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता में आने से रोका जा सके।

    उन्होंने कहा, “हम दिल्ली में लोकप्रिय हैं और सभी सात सीटें जीत सकते हैं। दिल्ली में कांग्रेस का न तो कोई विधायक है और न कोई सांसद। फिर भी वह आधी लोकसभा सीटें चाहती है। यदि हम कांग्रेस को कुछ सीटें देते हैं, तो भी वह एक भी सीट नहीं जीत पाएगी।”

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई चक्र की बातचीत के बाद गठबंधन की योजना को त्याग दिया।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शुक्रवार को आप और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन के प्रस्ताव से पीछे हट गई, जिससे हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराया जा सकता था।

    सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस ने पहले सीट बंटवारे के लिए 6:3:1 का फॉर्मूला पेश किया था, जिसमें छह सीटें कांग्रेस को, तीन जेजेपी और एक आप को मिलनी थी। इसे बाद में 7:3:1 कर दिया गया।

    उन्होंने कहा, “हमने हरियाणा और दूसरी जगह एक गठबंधन के लिए हर संभव प्रयास किया। हम दिल्ली में भी 4:3 के फॉर्मूले पर तैयार थे। लेकिन कांग्रेस पिछली रात पीछे हट गई।”

    सिसोदिया ने कहा, “कांग्रेस हरियाणा में गठबंधन नहीं करना चाहती। यह अबतक समय बर्बाद कर रही थी।”

    प्रेस कांफ्रेंस में मनीष सिसोदिया नें कहा, “यह सही है कि आम आमदी पार्टी का जन्म कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था। लेकिन पिछले कुछ समय से नरेन्द्र मोदी और अमित शाह नें देश के सामाजिक माहौल को खराब कर दिया है और इसके लिए आम आदमी पार्टी आगे आई है। हमें लगता है कि इन दोनों की जोड़ी देश को तोड़ देगी। यदि देश ही टूट जाएगा, तो कुछ नहीं बचेगा।”

    उन्होनें आगे कहा, “इसी कारण से दिल्ली, हरियाणा, गोवा, पंजाब, चंडीगढ़ जहाँ आम आदमी पार्टी की उपस्थिति है, वहां की 33 सीटों पर मोदी और अमित शाह की जोड़ी को रोका जा सके। कांग्रेस नें पहले गोवा में समय बर्बाद कर दिया। इसके बाद पंजाब में उन्होनें कहा कि अमरिंदर साहब नहीं मान रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं है और एक भी विधायक भी नहीं है। पिछली बार दिल्ली में कांग्रेस को 10 फीसदी वोट मिले थे। इसके बावजूद कांग्रेस यहाँ 3 सीटें चाहती है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के 20 विधायक हैं और 4 सांसद हैं, वहां भी इस हिसाब से आप को आधी सीट मिलनी चाहिए थी, लेकिन कांग्रेस नें वहां गठबंधन करने से मना कर दिया।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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