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    पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह

    पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने फरवरी 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने ‘कॉफी विद कैप्टन’ अभियान के साथ युवा मतदाताओं को सफलतापूर्वक लुभाया था।

    दो साल सत्ता में रहने और अपनी सरकार पर विपक्षी दलों द्वारा लगाए जा रहे ‘अक्षमता’ और ‘वादे तोड़ने’ के आरोपों के बीच उन्होंने एक बार फिर कमान अपने हाथ में लेने का फैसला किया है।

    पंजाब में अगले महीने लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में अमरिन्दर सिंह ने लोगों के सवालों और चिंताओं का 21 अप्रैल को जवाब देने का ऐलान किया है।

    उन्होंने ट्वीट किया, “आपके पास पंजाब के पहले ट्विटरचौपाल के माध्यम से पहुंच रहा हूं। आप अपने सवालों के साथ हैशटैगकैप्टनदीचौपाल ट्वीट कर मुझ तक पहुंच सकते हैं।”

    अमरिन्दर सिंह मार्च में 75 साल के हो गए। उन्होंने कहा, “मैं 21 अप्रैल को आपके सवालों और चिंताओं का जवाब दूंगा, जैसा कि मैंने नए जमाने की प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पुराने जमाने से चले आ रहे मुद्दों पर काम किया है।”

    नजदीकी लोगों का कहना है कि अमरिन्दर सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और अपना अकाउंट खुद चलाते हैं। वह जो मन में होता है, वही बोलते हैं, ऐसे में लोगों के साथ ट्विटर पर उनकी बातचीत दिलचस्प होगी।

    अमरिन्दर सिंह 1960 के दशक में सेना में कैप्टन थे और पटियाला के पूर्ववर्ती शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अभी भी कुछ हलकों में उन्हें ‘महाराजा’ के नाम से पुकारा जाता है।

    आम चुनाव में, पंजाब में आखिरी चरण में 19 मई को मतदान होगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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