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    अमेरिका-जापान 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय बैठक ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने देशों और भारत के बीच बढ़ते संबंधों का स्वागत किया है, जो उनके महत्वपूर्ण रणनीतिक हित में है।

    विदेश विभाग ने एक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के रक्षा और कूटनीतिक कैबिनेट अधिकारियों ने शुक्रवार को भारत के साथ त्रिपक्षीय बैठक और संयुक्त सैन्य अभ्यास के महत्व का जिक्र किया।

    अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और कार्यवाहक रक्षामंत्री पैट्रिक शेनहेन ने शुक्रवार को जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो और रक्षामंत्री ताकेशी इवेया के साथ एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के निर्माण पर केंद्रित उच्चस्तरीय रणनीतिक बैठक के लिए मुलाकात की।

    बयान में कहा गया है, “मंत्रियों ने 2018 में हुई पहली जापान-अमेरिका-भारत त्रिपक्षीय शिखर बैठक पर संतोष व्यक्त किया और मालाबार 2018 व कोप इंडिया 2018 जैसे महत्वपूर्ण संयुक्त अभ्यासों पर प्रकाश डाला।”

    बयान में कहा गया है कि इन विभिन्न त्रिपक्षीय प्रयासों पर काम करते हुए मंत्रियों ने जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत के बीच चतुर्भुजीय कार्य को नियमित करने का स्वागत किया।”

    एशिया क्षेत्र में, जहां चीन अपनी उपस्थिति बना रहा है और कई देशों के साथ आक्रामक समुद्री विवादों में शामिल है, अमेरिका और जापान के मंत्रियों ने समुद्र में नौपरिवहन और ओवरफ्लाइट और अन्य वैध उपयोगों की स्वतंत्रता के लिए पूर्ण सम्मान का आह्वान किया और उन सिद्धांतों का समर्थन करने वाली गतिविधियों के महत्व को दोहराया।

    भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल नवंबर में ब्यूनस आयर्स में 19 देशों और यूरोपीय संघ समूह जी-20 और बैठक से इतर अपनी त्रिपक्षीय शिखर बैठक की। मोदी ने इसे तीन देशों के नाम के शुरुआती अक्षर पर आधारित ‘जय’ शिखर सम्मेलन के रूप में बताया और कहा कि इसका हिंदी में अर्थ जीत है।

    तीनों देशों की नौसेनाओं ने पिछले साल जून में अमेरिकी क्षेत्र गुआम में मालाबार 2018 नौसैनिक अभ्यास किया था।

    अमेरिकी और भारतीय वायुसेना ने पश्चिम बंगाल में कलाईकुंडा वायुसेना अड्डे से कोप 2018 सैन्याभ्यास में भाग लिया था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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