भारत के विदेश सचिव विजय गोखले चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करने रविवार को चीन जाएंगे। इस दौरान विजय गोखले चीन से मसूद अजहर और पाकिस्तान के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।
भारतीय दूतावास नें इस बारे में अधिकारिक बयान देते हुए कहा है कि गोखले साधारण बातचीत के लिए चीन जा रहे हैं जहाँ वे वांग यी से मिलेंगे।
जाहिर है चीन जल्द ही बेल्ट एंड रोड का दूसरा सम्मलेन आयोजित करने जा रहा है। ऐसे में इस बारे में भी बातचीत हो सकती है।
भारत नें हालाँकि पहले ही साफ़ कर दिया है कि वह बेल्ट एंड रोड से सम्बंधित किसी भी सम्मलेन में शामिल नहीं होगा।
गोखले चीन का दौरा ऐसे वक्त कर रहे हैं, जब बीजिंग अजहर को संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति में एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी साबित करने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव झेल रहा है।
चीन में अगले हफ्ते ही बेल्ट एवं रोड फोरम आयोजित होने वाला है। भारत इस फोरम में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे पर संभवत: भाग नहीं लेगा।
चीन द्वारा अजहर का बचाव करने और भारत द्वारा बीजिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना में भाग नहीं लेने से दोनों एशियाई शक्तियों के बीच थोड़े मतभेद हैं। दोनों देश पहले से ही सीमा विवाद का सामना कर रहे हैं।
पिछले महीने अजहर पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी प्रस्ताव पर चीन ने चौथी बार तकनीकी रोक लगा दी थी। अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
गोखले संभवत: वांग के साथ यह मुद्दा उठा सकते हैं, जो कि चीन के शीर्ष कूटनीतिज्ञ भी हैं।
इसके अलावा यह देखना होगा कि क्या बेल्ट एवं रोड फोरम में भारत का विरोध भी चर्चा का विषय बन सकता है।
भारत लगातार दूसरे वर्ष चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(सीपीईसी) के विरोध में इस सम्मेलन में संभवत: हिस्सा नहीं लेगा। यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
वर्ष 2017 में भी, भारत ने सीपीईसी के विरोध में बेल्ट एवं रोड फोरम के लांच का बहिष्कार किया था। तब नई दिल्ली ने कहा था कि “कोई भी देश एक ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता, जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की उसकी प्रमुख चिंताओं को नजरअंदाज करता है।”