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    मलेशिया के राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद

    मलेशिया की सरकार ने कहा कि “वह अरबो रूपए के संपत्ति और परिवहन से जुड़े कुआला लुम्पुर के प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू कर रही है जिसे चीनी कंपनी शामिल हैं। यह हमारा चीन की वैश्विक बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव इंफ्रास्ट्रक्चर पहल में योगदान है।”

    चीनी प्रोजेक्ट पर कैबिनेट की मोहर

    मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद अगले माह बीआरआई के सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि “कैबिनेट ने बन्दर मलेशिया प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने के लिए रज़ामंदी दे दी है। जिसकी अनुमानित लागत 33.8 अरब डॉलर है।”

    हाल ही में चीनी कॉन्ट्रैक्टर ने निर्माण कार्य की लागत को एक-तिहाई कम कर 10.6 अरब डॉलर कर दी थी, इसके बाद मलेशिया ने चीनी समर्थित रेल लिंक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को शुरू किया था। महातिर मोहम्मद ने कहा कि “दोनों प्रोजेक्ट चीन के साथ संबंधों को बढ़ाएंगे और आर्थिक मूल्यों को जोड़ेंगे।’

    उन्होंने कहा कि “बन्दर मलेशिया पर 40 फीसदी सरकार का नियंत्रण है और इसका निर्माण मलेशिया के डेवलपर इस्कंदर वाटरफ्रंट होल्डिंग्स और चीनी रेलवे इंजीनियरिंग कारपोरेशन कर रहे हैं। 500 एकड़ में बना प्रोजेक्ट शहरी विकास को बढ़ाएगा और वैश्विक वित्त, तकनीक और उद्यमी व्यवसाय का हब बनेगा।”

    मलेशिया में दो प्रोजेक्ट होंगे शुरू

    बन्दर मलेशिया की शुरुआत साल 2011 में 1एमबीडी स्टेट इन्वेस्टमेंट फंड से शुरू की गयी थी लेकिन बाद में इसके 60 फीसदी शेयरों को संघ को बेच दिया गया था। सरकार ने कर्ज की समस्या के कारण कंपनी के शेयर ले लिए थे लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने संघ के साथ पेमेंट मतभेदों के कारण मई 2017 में इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था।

    महातिर मोहम्मद ने कहा कि “यह दो प्रमुख प्रोजेक्ट चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में सार्थक योगदान देंगे। शुरू किये गए प्रोजेक्ट में 10000 मकानों के निर्माण और एक सार्वजानिक पार्क भी है और इसमें स्थानीय निर्मित मटेरियल के इस्तेमाल को तवज्जो दी जाएगी।”

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना के तहत अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों से जोड़ना है। इसके तहत बिल्डिंग, रेल नेटवर्क और अन्य निर्माण कार्य किये जायेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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