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    mayawati mulayam

    कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त होता है, और न दुश्मन। यह बात यहां शुक्रवार को एक बार फिर चरितार्थ हुई है, जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने एक साथ मंच साझा किया। दोनों नेता और उनके दल पहले भी एकसाथ काम कर चुके हैं। लेकिन दो जून, 1995 को लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच इतनी गहरी खाई खोद दी थी कि उसे पाटने में लगभग 25 साल लग गए। आज माया ने मुलायम को सहारा देकर मंच पर अपने बगल में बैठाया है।

    उत्तर प्रदेश में कभी एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को गठबंधन की संयुक्त रैली में एक साथ मंच साझा किया। मंच से मायावती ने मुलायम को पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा नेता बताया।

    मैनपुरी के क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में आयोजित इस रैली में सपा, बसपा और रालोद के शीर्ष नेताओं के बड़े-बड़े कट-आउट लगाए गए थे। मंच पर भी डॉ. भीमराव आंबेडकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, बसपा के संस्थापक कांशीराम, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की तस्वीरें लगाकर एकजुटता का संदेश देने और तीनों दलों के समर्थकों को खुश करने की कोशिश की गई है।

    मुलायम ने कहा कि मायावती हमारे लिए वोट मांगने आईं हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि आप इस चुनावी समय पर यहां आईं, आपके इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि मायावती का बहुत सम्मान करना होगा। मायावती ने हमेशा हमारा साथ दिया है।

    मैनपुरी के मंच से मुलायम ने बड़ा एलान करते हुए कहा, “यह मेरा आखिरी चुनाव है। हर बार मैनपुरी के लोग हमें जिताते आए हैं। आखिरी चुनाव में भारी बहुमत से एक बार और जिता देना। हर जीत से यह जीत बड़ी होनी चाहिए।”

    मायावती ने कहा, “मुलायम सिंह यादव जी देश के काफी बड़े नेता हैं। जो कहते हैं, वह करते हैं। यह मोदी की तरह पिछड़े वर्ग के नकली नेता नहीं हैं। मोदी खुद को पिछड़ा बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। मुलायम सिंह ने पिछड़ों का विकास किया है।”

    उन्होंने कहा कि केंद्र में आजादी के बाद कांग्रेस या भाजपा की ही सरकार रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के केंद्र की गलत नीतियों की वजह से इन्हें केंद्र और राज्यों की सत्ता से बाहर होना पड़ा है। कांग्रेस पूरे देश में घूम-घूम कर लोगों का वोट लेने के लिए झूठ बोल रही है। अगर हम सत्ता में आते हैं तो आपको हम नौकरी देंगे।

    मायावती ने कहा कि हमें विरोधी दलों के बहकावे में नहीं आना है। हमारी पार्टी सरकार में आती है तो हम गरीबों को नौकरी दिलाएंगे। भाजपा गठबंधन को लेकर जनता को गलत तरीके से बहका रही है, आपको उनके बहकावे में नहीं आना है।

    उन्होंने कहा कि दो चरणों के ही चुनाव में भाजपा की हालत खराब हो गई है। मोदी क्या-क्या नहीं बोलते। मोदी जी सुनिए, आपने हमारे गठबंधन को सराब कहा है तो गठबंधन को नशा चढ़ गया है। हम अब भाजपा को बाहर कर देंगे।

    मायवती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद भी लोकसभा चुनाव में गठबंधन क्यों हुआ, इसका जवाब सभी चाहते होंगे। गेस्ट हाउस कांड के बाद भी सपा-बसपा गठबंधन हुआ। कभी-कभी देशहित में ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं। हम सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एक साथ आए हैं।

    बसपा मुखिया ने कहा कि पार्टी हित और देश हित में कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। इस बार चुनाव में आप लोग मुलायम सिंह यादव को जिताएं। इस चुनाव में असली और नकली की पहचान कर लेना है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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