अमेरिका के दक्षिणी कमांड के प्रमुख एडमिरल क्रैग फॉलेर ने कहा था कि “हमारी जूतियों की नोक पर और हम कार्रवाई के लिए बिलकुल तैयार है।” इसके बाद रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने इसकी आलोचना की। थी। अमेरिका और रूस के बीच बीते हफ्तों में तनाव काफी बढ़ गया क्योंकि वेनेजुएला में दोनों देश विपक्षी नेताओ का समर्थन कर रहे हैं।
ईरान और चीन के साथ रूस वेनेजुएला में राष्ट्रपति मादुरो का समर्थन कर रहा है जबकि अमेरिका सहित पश्चिमी देश विपक्षी नेता जुआन गाइडो का समर्थन कर रहा है। अमेरिका सहित 50 से अधिक देशों ने विपक्षी नेता को देश के अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दे दी है।
न्यूज़वीक के मुताबिक, रुसी प्रवक्ता ने अमेरिकी कमांडर के बयान पर प्रतिक्रिया दी कि “उनका बयान वेनेजुएला में अमेरिकी सेना की कार्रवाई कोई अलग नहीं है और यह हमारे भय की पुष्टि करता है।” उन्होंने कहा कि “अमेरिका की सेना का वेनेजुएला में प्रवेश करने का यह एक बेतुका कारण है और इसके लिए वेनेजुएला में रुसी प्रभुत्व कायम रखना जरुरी है।”
उन्होंने कहा कि “अमेरिका की सेना इस बुरे अनुभव को दोबारा दोहराने पर विचार कर रही है, वह नागरिकों और ढांचागत इमारतों पर बमबारी करने की शुरुआत कर रहे हैं।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक वेनेजुएला में रूस ने 100 सैनिको को मादुरो के समर्थन के लिए तैनात किया है। रूस ने दावा किया कि वेनेजुएला के बाद अमेरिका लैटिन अमेरिकी देशो जैसे क्यूबा और निकारागुआ को अपना निशाना बना रहा है। हाल ही में वेनेजुएला के डिप्टी नेता ने कहा कि “मादुरो को सत्ता से बेदखल करने के लिए कोलंबिया, ब्राज़ील और अमेरिका मिलकर कार्य कर रहे हैं।