उत्तर कोरिया ने नेता किम जोंग उन की देखरेख में नए सामरिक हथियार का परीक्षण किया है और यह तनाव को अधिक बढ़ाने का माद्दा रखती है। अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता ठप हो जाने के बाद यह पियोगगयांग का पहला हथियार परिक्षण है। बगैर समझौते के रद्द हुई अमेरिकी-उत्तर कोरिया की बैठक के हफ्तों बाद यह विवादों में इजाफा कर सकती है।
योंगब्योन पर मिसाइल परिक्षण
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार के परिक्षण में अलग लक्ष्यों पर विभिन्न तरीके से निशाना साधा गया था और किम जोंग ने इस टेस्ट-फायर का मार्ग प्रदर्शित किया था। किम ने इस उपलब्धि को देश की पीपल आर्मी की ताकत में सार्थक वृद्धि करने वाला करार दिया था।
उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल के दागने को पूर्व ही दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने ट्रैक कर लिया था। दोनों ही देश पियोंगयांग की हरकतों पर पैनी नज़र बनाये हुए हैं। हालाँकि इस रिपोर्ट पर कोई तत्काल घोषणा नहीं की गयी है।
उत्तर कोरिया के विश्लेषक अंकित पांडा ने बताया कि “विवरण के मुताबिक जिसका भी परिक्षण किया गया हो लेकिन उसकी ध्वनि मिसाइल की तरह ही लगती है लेकिन यह छोटी एंटी-टैंक मिसाइल से लेकर सरफेस टू एयर मिसाइल से रॉकेट तोपों की प्रणाली कुछ भी हो सकती है।”
वांशिगटन की हरकतों से किम निराश
इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी निगरानीकर्ता सेंटर फॉर स्ट्रेजेटिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने बताया कि उत्तर कोरिया की योंगब्योन साइट में हलचल देखने को मिली है जो मुल्क की सबसे प्रमुख परमाणु परिक्षण स्थल है। उन्होंने बताया कि पियोंयांग ने शायद बम फ्यूल में रेडियोएक्टिव मटेरियल की पुनर्प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
विश्लेषक हैरी काज़िआनीस ने बताया कि “किम जोंग उन ट्रम्प प्रशासन को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि उनकी सैन्य क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। उनकी सरकार हालिया वार्ता में वांशिगटन में लचीलेपन की कमी से निराश हो चुकी है।”
डोंगगुक यूनिवर्सिटी में उत्तर कोरिया के अध्ययन के प्रोफेसर कोह यु हवन ने रज़ामंदी जाहिर की की यह परिक्षण ठप परमाणु वार्ता पर असम्मान जाहिर करने का सन्देश था लेकिन यह अत्यधिक मारक क्षमता वाली मिसाइल या परमाणु परिक्षण नहीं था क्योंकि पियोंगयांग अभी भी अमेरिका के साथ वार्ता चाहता है।”
प्रतिबंधों से मुक्ति
पेंटागन ने कहा कि “वह इस परिक्षण से वाकिफ है लेकिन अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया था।” सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन की ऐतिहासिक मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया द्वारा परिक्षण की यह पहली आधिकारिक रिपोर्ट है।
सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने नए सिरे से किम जोंग से मुलाकात की इच्छा व्यक्त की थी। पियोंगयांग ने अभी तक इस टेस्ट के बाबत को बयान जारी नहीं किया है। परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया के साथ लम्बे अरसे से दक्षिण कोरिया बातचीत का प्रयास कर रहा है और साथ ही उत्तर कोरिया पर थोपे गए परमाणु प्रतिबंधों को हटाने का हिमायती भी रहा है।