शोपीस इवेंट के लिए भारतीय टीम में “तीन आयामी” विजय शंकर द्वारा छोड़े जाने के एक दिन बाद अंबाती रायडू ने विश्व कप देखने के लिए “3 डी ग्लास” का ऑर्डर दिया है।
आलराउंडर शंकर को 33 वर्षीय रायडू से पहले नंबर चार के लिए विश्वकप की टीम में शामिल किया गया है।
रायडू ने अपने ट्विटर हैंडल से मंगलवार को लिखा, ” मैंने बस अभी विश्वकप देखने के लिए 3 डी ग्लास का ऑर्डर दिया है।”
Just Ordered a new set of 3d glasses to watch the world cup 😉😋..
— Ambati Rayudu (@RayuduAmbati) April 16, 2019
रायडू के दरवाजे पर निराशा ने तब दस्तक दी जब कप्तान विराट के नंबर चार की स्थिति में कम या ज्यादा होने के कारण उनका नाम कुछ महीने बाद ही टीम से बाहर कर दिया था।
मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने अपने चयन पर बात रखते हुए कहा, ” हम रायडू को थोड़े और मौके देना चाहते थे लेकिन विजयशंकर तीन आयामी है। वह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग तीनो विभाग में बेहतर है। इसलिए हम नंबर चार के स्थान पर विजयशंकर को देखते है।”
प्रसाद की राय पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के बाद सामने आई जिन्होने विजय शंकर को एक हैंडी क्रिकेटर बताया था।
दूसरी ओर, अपने सीमित ओवरों के खेल को रैंप करने की खोज में, रायडू ने भी सफेद गेंद क्रिकेट पर छोड़ दिया गया था, लेकिन उन्होंने लगातार संघर्ष किया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में खेली सीरीज में तीन पारियो में लगातार नाकाम रहने के बाद रायडू ने नंबर चार के स्थान लिए अपनी उम्मीदों को खत्म कर दिया था। यह अनुभवी बल्लेबाज चल रही इंडियन प्रीमियर लीग में भी अपने बल्ले से रन निकालने में कामयाब नही रहा है।
लेकिन अबतक खेले 55 एकदिवसीय मैचो में उनके नाम 47 का औसत है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन नाकाम पारियो ने उनके विश्वकप की उम्मीद में पानी फेर दिया है।
पिछले साल एशिया कप तक बल्लेबाज को भारत के नंबर चार के रुप में देखा जा रहा था। उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में खेली सीरीज तक रायडू ने केवल चार अर्धशतक और एक शतक बनाया। एक समय पर जब उन्होने न्यूजीलैंड के खिलाफ संघर्ष भरे मैच में 90 रन की पारी खेली थी तब भी ऐसा माना जा रहा था कि रायडू नंबर चार के लिए भारतीय टीम में फिट हो सकते है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होने केवल दो मैच खेले थे और भारतीय टीम से सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे थे और उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में उन्होने 5 पारियो में 63 की औसत और 82 की स्ट्राइक रेट से 190 रन बनाए थे।
लेकिन यह प्रदर्शन इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले विश्वकप के लिए काफी नही था और उन्हे टीम में शामिल नही किया गया।