शिवसेना नें आज नरेन्द्र मोदी को सलाह देते हुए कहा है कि पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और एनसीपी जैसी पार्टियों को एनडीए दल का हिस्सा नहीं होना चाहिए। शिवसेना नें नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है, जिस तरीके से उन्होनें जम्मू कश्मीर की पार्टियों को जवाब दिया है।
शिवसेना नें अपने अख़बार ‘सामना’ के जरिये लिखा है कि यह अच्छा है कि प्रधानमंत्री मोदी नें इन पार्टियों को मुहतोड़ जवाब दिया है जो देश को तोड़ने की बात कह रही हैं।
आगे लिखा गया, “कल सरकार बनाने के लिए कुछ भी संख्या की जरूरत हो, ऐसी पार्टियों के साथ गठबंधन ना हो जो देश को तोड़ने की बात कह रही हैं। और जिन लोगों नें तीन पीढ़ियों तक कश्मीरी जनता को बर्बाद किया है, उन्हें मोदी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जायेगी।”
आगे लिखा गया, “जो देश तोड़ने की बात कहते हैं और जो उनका समर्थन करते हैं, उन्हें भविष्य में राजनीति में कोई जगह नहीं मिलेगी। यदि राजनीति में राष्ट्रविरोधी लोग राष्ट्रवादी लोगों के साथ बैठते हैं, तो यह देश के जवानों की मर्यादा के खिलाफ होगा।”
सेना नें आगे लिखा कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला नें जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की मांग की है और उनका ये सपना अगली 100 पीढ़ियों में भी पूरा नहीं होगा।
सेना नें आगे कहा कि आर्टिकल 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में देश का संविधान और क़ानून लागू नहीं होता है और इसी की वजह से वहां संविधान हटाने की मांग बढ़ रही है।
उद्धव ठाकरे की पार्टी नें आगे बीजेपी को याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अब्दुल्ला मंत्री थे और उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस एनडीए का हिस्सा थी। उन्होनें कहा कि संसद में संख्याबल को हासिल करने के लिए हम ऐसी पार्टियों के साथ हाथ मिला लेते हैं, यह कहाँ का राष्ट्रवाद है?
सेना नें आगे कहा कि महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी भी जम्मू कश्मीर में भारत का पक्ष कमजोर कर रही है क्योंकि उन्होनें हाल ही में कहा था कि यदि विशेष दर्जा राज्य से हटा लिया जाता है तो जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा।
सामना में लिखा, “कल तक यही व्यक्ति बीजेपी की मदद से जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री थी। उनकी मानसिकता पुरानी है। हमनें इस गठबंधन का विरोध किया लेकिन बीजेपी नें गठबंधन जारी रखा।”