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    म्यांमार से निकाले गए रोहिंग्या मुसलमानों अभी बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर है। लेकिन बांग्लादेश में भी रोहिंग्या का जीवन सुरक्षित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय माइग्रेशन संगठन (आईओएम) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में रोहिंग्या बच्चों के शोषण की जानकारी सामने आई है।

    रोहिंग्या के छोटे बच्चों से बांग्लादेश मे काम करवाया जा रहा है। आईओएम ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि बांग्लादेश में रोहिंग्या बच्चों से कई घंटों तक काम करवाया जाता है और साथ ही उन्हें इसके बदले मामूली सा वेतन दिया जाता है। यहां पर रोहिंग्या बच्चों के साथ यौन शोषण व मारपीट भी की जाती है। बच्चों को काम के मुताबिक पैसा नहीं दिया जा रहा है।

    इस पर कोक्स बाजार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना है कि हमने 11 चेकपॉइंट स्थापित किए है जो बच्चों की मदद करते है। उन्होंने कहा कि अगर किसी रोहिंग्या बच्चे से काम करवाया जा रहा है तो उनसे काम करवाने वाले मालिकों को दंडित किया जाएगा।

    रोहिंग्या बच्चों का भविष्य खतरे में

    आईओएम ने अपनी जांच में पाया है कि बांग्लादेश में रहने वाले रोहिंग्या बच्चों का भविष्य खतरे में है। यहां पर रोहिंग्या बच्चों को श्रमिक एजेंटो द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और उनसे जबरन काम करवाया जा रहा है।

    शिविरों में बड़े पैमाने पर कुपोषण और गरीबी के बीच उनके असहाय माता-पिता को करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कुछ रिपोर्टों में इस बात की पुष्टि हुई है कि सात साल की उम्र में रोहिंग्या लड़के और लड़कियों को बस्तियों के बाहर काम के लिए भेजा जा रहा है।

    रोहिंग्या लड़को से खेतों, निर्माण स्थलों और मछली पकड़ने की नौकाओं के साथ-साथ चाय की दुकानो में और रिक्शा चालकों के रूप में काम करवाया जा रहा है। इस बात की जानकारी खुद रोहिंग्या निवासियों ने दी। वहीं रोहिंग्या लड़कियों की बात की जाए तो उनसे बांग्लादेश में बांग्लादेशी परिवारों के लिए नौकरानियों और नैनियों के रूप में काम करने को मजबूर किया जाता है।

    रोहिंग्या बच्चियों के साथ हो रहा यौन शोषण

    यहां पर एक 14 साल की मासूम रोहिंग्या बच्ची के साथ उसके मालिक ने यौन शोषण किया। इस बात की जानकारी तब हुई जब वो बच्ची अपने मालिक के घर से भाग कर शिविर में आई और तब वह चलने में असमर्थ थी। तब पता चला कि रोहिंग्या लड़कियों के साथ शारीरिक व यौन शोषण सहित बलात्कार किया जा रहा है।

    इतना ही नहीं यहां पर स्थिति इतनी भयावह है कि जो व्यक्ति इन रोहिंग्या लड़कियो के साथ बलात्कार करते है उसके बाद इन लड़कियों को जबरन शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा रोहिंग्या बच्चों से सड़को पर भीख मंगवाई जा रही है।

    इन्हें काम के मुतबिक पैसों का भुगतान नहीं किया जाता है। आईओएम के निष्कर्षों के मुताबिक कई माता-पिता अपनी बेटियों को जल्दी से शादी करने के लिए दबाव डालते है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे भविष्य में सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता हो सकेगी।