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    गोलन हाइट्स

    इराक ने अमेरिका द्वारा गोलन हाइट्स को इजराइल की सम्प्रभुता के तौर पर मान्यता देने की मुखालिफत की है। अमेरिका के एकपक्षीय ऐलान को इराक ने खारिज किया और कहा कि गोलन सीरिया का ही भूभाग रहेगा।

    इराक के विदेश मंत्री मोहम्मद अली अल हकीम ने कहा कि “गोलन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा एकतरफा है और यह अंतर्राष्ट्रीय वैधता का उल्लंघन करता है। इराक इसे मान्यता नहीं देता है। गोलन सीरिया का भूभाग है और अंतर्राष्ट्रीय मसौदा गोलन पर सीरिया की सम्प्रभुता को मान्यता देता है।”

    26 मार्च को डोनाल्ड ट्रम्प ने वांशिगटन में आधिकारिक दस्तावेजों पर दस्तखत कर दिए थे। इसके मुताबिक अमेरिका गोलन को सीरिया की सम्प्रभुता का हिस्सा मानता है। इस दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वांशिगटन में ही मौजूद थे।

    इस ऐलान से सीरिया और इजराइल के बीच तनातनी बढ़ गयी थी और सीरिया में लोगो ने अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन किया था। साल 1967 में छह दिनों की जंग के दौरान इजराइल ने सीरिया के क्षेत्र गोलन पर कब्ज़ा कर लिया था और साल 1981 में आधिकारिक तौर पर गोलन को इजराइल में मिला लिया था।

    अलबत्ता, वैश्विक समुदाय गोलन पर इजराइल के आधिपत्य को वैधता नहीं देता हैं। गोलन हाइट्स एक छिना गया क्षेत्र हैं और इस क्षेत्र में इजराइल की बस्तियां अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक गैर कानूनी है। हाल ही में बेंजामिन नेतन्याहू ने पांचवी दफा चुनावो में जीत हासिल की है और चुनाव में जीत का श्रेय गोलन को दिया जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

    सऊदी अरब के बादशाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने गोलन पर सीरिया की सम्प्रभुता को प्रभावित करने वाले सभी तथ्यों को ख़ारिज करने के लिए कहा है। सेक्रटरी जनरल ने कहा कि “आधिपत्य एक अपराध है और वैधता के बिना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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