चुनाव आयोग नें आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ और मायावती पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर शिकंजा कसा है। चुनाव आयोग नें योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और मायावती को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है।
चुनाव आयोग का यह फैसला कल सुबह 6 बजे से लागु होगा।
जाहिर है योगी आदित्यनाथ नें हाल ही में सपा और बसपा के गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें ‘अली’ की जरूरत है और हमारे लिए ‘बजरंग बली’ ही काफी हैं।
इसके बदले में मायावती नें कहा था कि उनके गठबंधन को अली और बजरंग बली दोनों के ही वोट मिलेंगे।
योगी आदित्यनाथ नें 9 अप्रैल को मेरठ में एक भाषण के दौरान कहा था कि, अगर कांग्रेस, सपा और बसपा को अली पर भरोसा हैं तो हमें भी बजरंगली पर भरोसा हैं। वही मायावती ने 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में एक भाषण में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस को वोट देकर अपने वोटों का विभाजन न करे।
चुनाव आयोग नें इसके लिए योगी आदित्यनाथ और मायावती को 12 अप्रैल को नोटिस जारी किया था। योगी आदित्यनाथ को उसी दिन शाम तक जवाब देने को कहा था और मायवती को अगले दिन तक जवाब देने को कहा था। योगी आदित्यनाथ को उससे पहले भी ‘मोदीजी की सेना’ के बयान पर चुनाव आयोग नें नोटिस जारी किया था।
मायावती को चुनाव आयोग नें चुनाव कोड का उल्लंघन करने के साथ ही सेक्शन 123(3) के तहत जनप्रतिनिधि कानून 1951 के उल्लंघन का भी दोषी माना था। इस बार हालाँकि मामला गंभीर होने के कारण उन्हें प्रचार करने से रोक दिया है।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार योगी को यह दूसरा नोटिस जारी किया गया हैं। इससे पहले उन्हें मोदी की सेना कहने के लिए आयोग ने चेतावनी देते हुए भविष्य में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी थी।
इससे पहले आपको बता दें कि चुनाव आयोग के मुख्य आयोग सुनील अरोड़ा नें आज NDTV से इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर राजनेताओं को चुनाव प्रचार करने से रोका जा सकता है।