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    चीनी परियोजना बीआरआई का पोस्टर

    भारत ने चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के दूसरे सम्मेलन में शामिल होने से इंकार कर दिया है। हालाँकि भारत के पडोसी देशो मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया और बांग्लादेश ने इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि की है। साल 2017 में भूटान एकमात्र देश था जिसने बीआरआई की परियोजना की आलोचना की थी, उन्होंने लगातार चीनी कोशिशों की खिलाफत की है।

    बीआरआई की दूसरी बैठक में 40 देशों के प्रमुख शामिल होंगे। कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, भूटान इस समरोह में शामिल होने के इच्छुक है। बीते 12 महीनो में चीन ने थिंफू सरकार के साथ मेलजोल बढ़ाने के काफी प्रयास किये है ताकि भूटान भारत के प्रभुत्व से बाहर हो सके।

    भारत के भूटान के साथ कोई कूटनीतिक सम्बन्ध नहीं है, लेकिन अपनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए चीन को एक क्षमतावार साझेदार के रूप में देखता है। भूटान जानता है कि इस मंच में शामिल होना भारत के साथ संबंधों को मुश्किल में डालना है। भूटान ने साल 2017 में बीआरआई की बैठक का बहिष्कार किया था और भारत की चिंता का समर्थन किया था।

    चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र से स्थान से होकर गुजरेगी, जिसे भारत अपने इलाके का भाग मानता है। 8 अप्रैल को भारत ने कहा कि चीन के आधिकारिक आमंत्रण को वह खारिज करते हैं। चीन के उप विदेश मंत्री कोंग सुन्यौ ने बीते वर्ष भूटान की यात्रा की थी।

    इस दौरान जारी प्रेस रिलीज़ में चीनी उप विदेश मंत्री ने कहा कि “यात्रा के दौरान दोनों देशों ने संयुक्त हिट के मसलों पर चर्चा की थी। चीन भूटान की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है।”

    चीनी मंत्रालय ने बयान में कहा कि “भूटान की साझेदारी और चीन के विकास को साझा करने का बीआरआई में हम स्वागत करते हैं।” इस वर्ष फरवरी में राजदूत लुओ ने चीनी स्प्रिंग फेस्टिवल के दौरान भूटान की यात्रा की थी उनके साथ चीन से सांस्कृतिक प्रतिनिधि समूह भी आया था।

    भारत ने चीन और भूटान की सीमा विवाद पर बातचीत पर करीबी से निगरानी रखी थी। रणनीतिक मामलो के जानकर ब्रह्मा चेल्लनि ने कहा कि “चीन अब धीरे-धीरे डोकलाम को प्रभावी तरीके से अपने कब्जे में करने की कोशिश कर रहा है। भारत के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि भारत के सिलीगुड़ी गलियारे से डोकलाम काफी नजदीक है, जो भारत के मेनलैंड को उत्तर पूर्व से जोड़ता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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