संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी ने रूस और तुर्की से सीरिया के इदलिब प्रान्त में सैन्य कार्रवाई को न करने का आग्रह किया है। अधिकारी ने पत्रकारों को जिनेवा में इंटरनेशनल सीरिया सपोर्ट ग्रुप्स हुमानिटरियन एक्सेस टास्क फाॅर्स की बैठक में सम्बोधित किया था।
तीस लाख से अधिक नागरिक सीरिया के उत्तरी पश्चिमी प्रान्त इदलिब में रहते हैं। इस भंवर में अधिकतर लोग फंस चुके हैं क्योंकि रुसी समर्थित सीरियाई बलों और विद्रोहियों के बीच युद्ध की स्थिति बरकरार रहती है।
रूस, तुर्की और ईरान ने साल 2018 में मध्यस्थता के लिए असैन्य क्षेत्र का समझौता किया जिससे अस्थिर क्षेत्र में शान्ति बनाये रखने की सफलता हासिल की थी अलबत्ता अब हालात वापस वैसे ही होते दिख रहे है। सीरिया के वरिष्ठ सलाहकार नजत रोचडी ने कहा कि “इदलिब में बीते कुछ हफ्तों से बढ़ी सैन्य कार्रवाई और हमलो से यूएन काफी परेशान है।”
फरवरी के बाद से 106000 लोग अपने घर से भाग गए है और करीब 106 लोग बढ़ते संघर्ष के कारण मारे गए थे। उन्होंने कहा कि “हमारे समक्ष 900000 लोगो के लिए एक क्षेत्रीय योजना है जो सेना की निरंतर कार्रवाई से उत्तरी पश्चिमी सीरिया में प्रभावित हो सकते थे। उत्तर पश्चिम में बड़े स्तर के सैन्य हमलो ने हज़ारो लोगो की जान को जोखिम में डाल दिया है। साथ ही विशाल संख्या में नागरिको को प्रभावित किया है और हमारे मानवीय सहयोगियों को भी प्रभावित किया है।”
रोचडी ने कहा कि “हाल ही में रूस और तुर्की ने क्षेत्रीय इलाके में गश्त को बहाल करने के लिए बातचीत की थी इससे विनाशकारी संकट के बादल छंटने के आसार है। सबसे बड़ी चिंता उत्तर पूर्वी सीरिया में स्थित अल हॉल शिविरों में मानवीय संकट है। इन शिविरों में 41000 लोगो के लिए जगह है जबकि यहां 73000 से अभी अधिक लोग रहते हैं।”
उन्होंने कहा कि “इन शिविरों में पंहुचने वाले अधिकतर लोग इस्लामिक स्टेट के आखिरी गढ़ डेयर एज़ ज़ोर की तरफ भाग गए हैं। यहां 92 फीसदी लोग बच्चे महिलाये और बुजुर्ग है और यहां 15 वर्ष से अधिक कोई पुरुष मौजूद नहीं है। यहां के लोग काफी दुबले हैं और यहां पंहुचने वाले लोग अधिकतर कुपोषित या भयावह बिमारियों से पीड़ित होते हैं। सभी अस्पताल भरे हुए हैं और अधिक मरीजों का इलाज नहीं करते हैं। उन्हें स्वछता, साफ़ पानी, सफाई और आश्रय की जरुरत है।”