तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा सीने के संक्रमण की तकलीफ के कारण भारत की राजधानी नई दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हुए थे। हालाँकि वह इस संक्रमण से रिकवर कर रहे हैं। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने बौद्धिक धर्मगुरु की बेहतर सेहत की प्रार्थना की है।
दलाई लामा के प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि “वह अब रिकवर कर रहे हैं।” हालाँकि इससे अधिक जानकारी मुहैया नाहिंन की गयी है। साल 1959 में भारत ने दलाई लामा को शरण दी थी, जब वह एक सैनिक के लिबास में हिमालय को पार कर गए थे।
मंगलवार को अस्पताल में भर्ती के बाद उनका चेस्ट इन्फेशन का इलाज चल रहा था। उन्होंने बेचैनी की शिकायत की थी और अस्पताल में कुछ दिन व्यतीत किये थे। अस्पताल ने दलाई लामा की सेहत के बाबत जानकारी देने से इंकार कर दिया है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने उनकी सेहत की जल्द रिकवरी की कामना की है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि “उनके अस्पताल में भर्ती होने से हम चिंतित है।” विश्व उन्हें चाहता है।” करीब 100000 तिब्बत के नागरिक भारत में रहते हैं और उन्हें भय है कि स्वायत्त देश की मांग दलाई लामा के साथ ही खत्म हो जाएगी।
उन्होंने बीते हफ्ते रायटर्स से कहा था कि “उनकी मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी भारत से हो सकता है और चेताया कि चीन से चुने गयी उत्तराधिकारी का सम्मान न करे।” चीन का साल 1950 से तिब्बत पर नियंत्रण है और उन्होंने कहा कि चीनी नेताओं को अपना उत्तरधिकारी चुनने का अधिकार है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने रेगुलर न्यूज़ ब्रीफिंग में कहा कि “उन्हें दलाई लामा के शारीरिक हालातो के बाबत कोई जानकारी नहीं है। दलाई लामा के पुनर्जन्म के प्रसंग को चीनी कानूनों, नियमो और धार्मिक परम्पराओ का पालन करना चाहिए।