भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह से सोमवार को कहा कि “दोनों देशों की साझेदारी को मज़बूत करने के लिए मालदीव के साथ नजदीकी से कार्य करने के लिए और हिन्द महासागर में बसे द्वीप की सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।”
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, संसदीय चुनावो में इब्राहीम सोलिह की पार्टी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत पर भारतीय प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति को बधाई दी थी। साथ ही नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद से भी बातचीत की थी और प्रभावशाली जीत के लिए उनके दल को बधाई दी थी।
नरेन्द्र मोदी ने इब्राहीम सोलिह से कहा कि “एमडीपी की जीत नीतियों के समर्थन की गूँज और नेताओं के प्रयासों को प्रदर्शित करती है। जो मालदीव की जनता के लिए गहरी प्रतिबद्धता से कार्य करने में जुटे हुए हैं। मोदी ने चुनावों के सफलतापूर्वक संपन्न होने का स्वागत किया है। यह लोकतंत्र का एकीकरण और लोकतान्त्रिक संस्थानों की मजबूती है।
पीएम मोदी ने भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया कि “दोनों देशों की साझेदारी को मज़बूत करने के लिए मालदीव के साथ नजदीकी से कार्य करने के लिए और हिन्द महासागर में बसे द्वीप की सामाजिक-आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।”
मोहम्मद नशीद से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि “सभी लोकतंत्र प्रिय सेनाओं की भागीदारी से मालदीव में लोकतंत्र की जड़े गहरी हो सकी है और भारत इस उद्येश्य के लिए हमेशा सहयोग जारी रखेगा।
दिसम्बर में नई दिल्ली में पीएम मोदी और राष्ट्रपति सोलिह की बातचीत में भारत ने कहा था कि “वह मालदीव को 1.4 अरब डॉलर वित्तीय सहायता मुहैया करेगा जो चीन के भारी कर्ज के भार से दबा हुआ था। दोनों देशों ने चार समझौतों ओअर हस्ताक्षर किये थे जिसमे स्वास्थ्य से लेकर रक्षा तक के क्षेत्र कवर किये गए थे।
चीनी समर्थक अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में भारत और मालदीव के सम्बन्ध काफी बिगड़ गए थे। एमडीपी ने अब्दुल्ला यामीन को अक्टूबर में आयोजित चुनावों में मात दी थी। साल 2008 में दशको के निरंकुश शासन से आज़ाद होकर मालदीव में बहुदलीय प्रणाली लागू हुई थी। इसके बाद मालदीव की संसद में बहुमत से जीतने वाली पहली पार्टी एमडीपी है।