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    जोस बटलर-आर.अश्विन

    पिछले कुछ दिनो से भारतीय मीडिया की खबर पढ़ना निराशाजनक रहा है। जहां एक भारतीय दिग्गज के प्रति सम्मान की कमी दिखाई दी और किसी गेंदबाज द्वारा ‘मांकड़’ के रूप में रन-आउट का उल्लेख करना भी बहुत उदास करने वाला लम्हा रहा है।

    मांकड़ की शुरुआत लगभग 70 साल पहले ऑस्ट्रेलिया में हुई थी जब बिल ब्राउन नॉन स्ट्राइकर छोड़ पर बल्लेबाजी कर रहे थे और भारत के वीनू मांकड ने उन्हें बिन गेंद डाले क्रीज छोड़ने पर आउट कर दिया थे। उस दौरे पर उन्होने बिल ब्राउन को ऐसे दो बार आउट कर दिया था। जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों ने कहा था कि मांकड़ ने खेल की भावना को ठेस पहुंचाई है। लेकिन उसके बाद से ही यह नियम क्रिकेट में चलता आ रहा है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन ने यहां पर वीनू मांकड़ का समर्थन किया था।

    सुनील गावस्कर ने मांकड़ विवाद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह भारतीय मीडिया की नाकामी है कि वह इस बात को बार-बार उछाल रहे है उन्हे केवल इसे एक रन आउट के रूप में देखना चाहिए। वह ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के सिद्दांतो पर नही चल सकते। अगर वह ऐसा करते है तो वह एक दिग्गज खिलाड़ी के नाम को कलंकित कर रहे है।

    सप्ताह के अंत में भिड़ने वाली चार आईपीएल टीम के बीच रोमांचक मैच देखने को मिल सकते है क्योंकि चारो टीमे जीत की लय में बनी हुई है। चेन्नई सपुर किंग्स की टीम को अपने पिछले मैच में मिली हार के बाद अब दोबारा अपनी जीत की लय में आने के लिए बरकरार होगी। वही सनराइजर्स हैदराबाद की टीम जो इस समय जीत की राह पकड़े हुए है वह एक और मैच जीतकर अंक तालिका में अपने शीर्ष स्थान को बरकरार रखना चाहेगी।

    हैदराबाद के ओपनर्स डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो इस समय एक शानदार फॉर्म में है और वह पॉवरप्ले के ओवर्स में किसी भी टीम से मैच दूर लेजा सकते है। अगर विपक्षी टीम इन्हे जल्दी आउट कर पाती है तो इन दोनो बल्लेबाजो से बचने का यही सही उपाय है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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