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    भारत और संयुक्त अरब अमीरात

    संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस शेख खलीफा बिन ज़ायेद अल नाहयान ने ज़ायेद मेडल के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की पुष्टि की है।

    यह सर्वोच्च सम्मान बादशाहो, राष्ट्रपतियों और सरकार के प्रमुखों को दिया जाता है। नरेंद्र मोदी को यह अवार्ड लम्बे समय की दोस्ती को मज़बूत करने और दोनों देशों के बीच संयुक्त रणनीतिक सहयोग के लिए दिया जा रहा है।

    इसका ऐलान करते हुए यूएई के क्राउन प्रिंस और यूएई सेना के उप प्रमुख कमांडर शेख खलीफा बिन ज़ायेद अल नाहयान ने कहा कि “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षी संबंधों के विस्तार से व्यापक रणनीतिक संबंधों के स्तर तक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।”

    उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “अपने प्रिय मित्र भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को ज़ायेद मैडल का सम्मान देते हैं। हम मैत्री रिश्तों के विकास और कई क्षेत्रों में भारत और यूएई के बीच सहयोग के दायरे को बढ़ाने के प्रयासों और उनकी भूमिका की सराहना करते हैं।”

    मोहम्मद बिन जायेद ने कहा कि “यूएई की भारत के साथ ऐतिहासिक दोस्ती रणनीतिक तौर पर नवीकृत और भविष्य की तैयारियों के लिए मज़बूत हो गयी है।” उन्होंने भारतीय समाज के मूल्यों, विविधता, सहिषुणता, सह-अस्तित्व और सम्मान की सराहना की है।

    भारत और यूएई के बीच मज़बूत दोस्ती और सहयोग पर शेख मोहम्मद ने गर्व की प्रतिक्रिया जाहिर की है और दुआ मांगी है कि भारत मुल्क और उसकी आवाम की समृद्धि, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता जारी रहे।

    युएई के इस फैसले का भारत नें काफी स्वागत किया है। एक के बाद एक दो ट्वीट कर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नें इस फैसले का स्वागत किया है।

    सुषमा स्वराज नें लिखा,” मोहम्मद बिन ज़ायेद द्वारा भारत के महान सुपुत्र नरेन्द्र मोदी को ज़ायेद मेडल देने पर मैं बहुत खुश हूँ।”

    उन्होनें आगे लिखा कि नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त अरब अमीरात और सभी इस्लामिक देशों से मजबूत सम्बन्ध बनाने का यह परिणाम है।

    भारत-संयुक्त अरब अमीरात सम्बन्ध

    भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें पिछले तीन साल में दो बार संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया है। अपनी हालिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी नें कई विकास समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। इसके अलावा नरेन्द्र मोदी नें अबू धाबी में पहले हिन्दू मंदिर की भी आधारशिला रखी थी।

    modi uae

    संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस नें 2017 में भारत का दौरा किया था।

    इस समय संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 20 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो कि इस देश में सबसे बड़ी विदेशी मूल की जनसँख्या है। भारतीय मूल की इस जनसँख्या नें वर्षों से युएई की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास किया है। इसके अलावा युएई में हुए अनेकों विकास कार्यों में भारतियों का योगदान अपार रहा है।

    साल 2018 में जब केरल में बाढ़ आई थी, उस समय संयुक्त अरब अमीरात नें इसके लिए आर्थिक मदद भेजी थी, जिसपर प्रधानमंत्री मोदी नें वहां के प्रिंस शेख मोहम्मद का शुक्रिया किया था।

    आर्थिक सम्बन्ध के मामले में भी दोनों देश काफी आगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी नें जब युएई का दौरा किया था, तब उन्होनें कहा था कि साल 2020 तक दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बन्ध 100 अरब डॉलर पहुँच जायेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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