माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति है। बिल गेट्स बिजनेस में ही नहीं अपितु कई क्षेत्रों में अपनी संस्था के माध्यम से मदद करते रहते है। बिल गेट्स ने भारत के विकास में भी पिछले कुछ समय से दिलचस्पी रखी है।
बिल गेट्स अपनी संस्था गेट्स फाउंडेशन के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में सहायता करते है। हाल ही में बिल गेट्स ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में भारत के बारे में चर्चा की। इस दौरान बिल गेट्स ने भारत के विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी।
शिक्षा व्यवस्था
बिल गेट्स ने भारत की शिक्षा प्रणाली को लेकर बात की। बिल गेट्स की नजर में भारत में शिक्षा प्रणाली बेहद निराशाजनक है, इसे बेहतर किया जाना चाहिए। बिल गेट्स ने कहा कि वो भारत में अच्छी शिक्षा व्यवस्था की उम्मीद करते है।
आगे कहा कि गेट्स फाउंडेशन स्वास्थ्य से परे भारत में शिक्षा के विस्तार पर काम करेगी या नहीं, इसके बारे में सब कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालांकि बिल गेट्स ने कहा कि भारत के अधिकांश स्वयंसेवकों ने शिक्षा को उच्च प्राथमिकता के रूप में चुना है जिसे जानकर मुझे काफी खुशी है।
स्वच्छ भारत कार्यक्रम
बिल गेट्स को स्वच्छता में दिलचस्पी रखने के लिए जाना जाता है। बिल गेट्स ने भारत के स्वच्छ भारत कार्यक्रम के बारे में कहा कि भारत में बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है जो कि बैंकों में बचत खाते खोलने जैसा ही है।
ये कदम भारत सरकार का अच्छा है लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती लोगों द्वारा बनाए गए शौचालयों का इस्तेमाल करने की है। इसके लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा ताकि वो खुले में शौच जाने की बजाय निर्मित शौचालयों का उपयोग कर सके। सरकार के इस कार्यक्रम में कई दानदाताओं ने भी रूचि दिखाई है।
बिल गेट्स ने शौचालयों के बारे में आगे कहा कि लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वो शौचालयों का उपयोग कचरा फेंकने के लिए ही कर रहे है।
यहां के लोग कचरे को नदी व सड़कों पर फेंक देते है। बिल गेट्स ने कहा कि हम आज से पांच सालों में ऐसा शौचालय तैयार करने जा रहे है जो शौचायल में ही गंदगी को जला देगा। यह एक सपने की तरह है।
भारत की आधार योजना
बिल गेट्स के जीवन में प्रौद्योगिकी का बड़ा हिस्सा रहा है। बिल गेट्स ने भारत सरकार की आधार योजना के बारे में कहा कि आधार से कई फायदे हो सकते है लेकिन इसमें अभी भी कई खामियां है।
आधार की गोपनीयता को लेकर बिल गेट्स ने कहा कि गोपनीयता का अधिकार निश्चित रूप से होना चाहिए। आधार सिर्फ 12 अंकों वाला डिटेक्टर है जिनसे आपकी पहचान होती है। मेरा मानना है कि आधार को अधिक तकनीकी युक्त बनाया जाना चाहिए था।