अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बॉटफ्लिका ने मंगलवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है, जबकि उनके कार्यकाल का अंत 28 अप्रैल को होना था। अल्जीरियन प्रेस एजेंसी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के बाद सीएनएन ने इसकी पुष्टि की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बॉटफ्लिका ने आधिकारिक तौर पर संवैधानिक परिषद् के अध्यक्ष को अपने निर्णय के बाबत इत्तलाह कर दिया है।
राष्ट्रपारी ने त्यागी कुर्सी
इससे पूर्व राष्ट्रपति के दफ्तर की प्रेस कांफ्रेंस में जारी बयान के मुताबिक, ट्रांजीशन पीरियड के दौरान राष्ट्रीय संस्थानों का संचालन जारी रखने को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति कुछ कदम उठाएंगे। वह 28 अप्रैल, 2018 से पूर्व अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
हाल ही में अल्जीरिया के सेनाध्यक्ष में राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी।
रायटर्स के मुताबिक 1 अप्रैल को लेफ्टिनेंट जनरल अहमद सलाह ने अल्जीरिया के संविधान के संशोधन को दोहराया कि यदि राष्ट्रपति का स्वास्थ्य ठीक न हो तो उसे हटाया जा सकता है। फरवरी से अल्जेरिया में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने ऐलान किया था कि वह पांचवी दफा भी चुनाव लड़ेंगे।
नए संविधान की मांग
इसके पश्चात बॉटफ्लिका ने प्रदर्शनकारियों की मांग को स्वीकार कर लिया और दोबारा चुनाव लड़ने को खारिज कर दिया लेकिन साथ ही राष्ट्रपति चुनावों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था और कहा कि “वह तब ही सत्ता को त्यागेंगे जब नया संविधान पारित हो जायेगा।”
साल 2013 में स्ट्रोक से जूझने के बाद बॉटफ्लिका दुर्लभ ही सार्वजानिक स्तर पर दिखे हैं। अल्जीरिया के संविधान के आर्टिकल 102 के मुताबिक संविधान परिषद् राष्ट्रपति को हुकूमत से हटा सकती है अगर वह बीमारी के कारण कार्यभार सँभालने में असक्षम है।
आपको बता दें कि अल्जीरिया के राजनैतिक सिस्टम में वर्तमान में सेना का एक बड़ा किरदार है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि सेना का किरदार कम होना चाहिए और लोगों द्वारा चुंगे गए प्रतिनिधि ज्यादा होने चाहिए।
इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर कम उम्र के हैं और देश के राजनैतिक जीवन में बदलाव चाहते हैं। इन प्रदर्शनकारियों का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति बॉटफ्लिका सेना और कुछ व्यापारियों के द्वारा ही चुने गए थे और उनके इशारों पर काम करते थे।
वर्तमान में शासित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने अल्जीरिया में आजादी के बाद से लगातार राज किया है। साल 1999 में हिंसक गृहयुद्ध के बाद बोटेफ्लिका के पास सत्ता आई थी।
अल्जीरिया में अब तीन महीने के बाद चुनाव होने हैं और तब तक के लिए उपरी सदन के अध्यक्ष अब्देल्कादर बेन्सलाह को देश का अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है।