चुनाव आयोग के तलब किये जाने के बाद नीति आयोग के उपध्यक्ष राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जो भी कहा वह एक अर्थशास्त्री होने के नाते अपने व्यक्तिगत विचार रुप में कहा और कांग्रेस के इस ऐलान में योजना आयोग कही भी बाधक नही हैं।
कुमार ने अपने पक्ष में मंटोक सिंह आलूवालिया का उदाहरण रखते हुए कहां जिन्होने योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहते हुए अप्रैल 2014 में गुजरात मॉडल पर बयान दिया था उस समय लोकसभा चुनाव के चलते आचार सहिंता लगी हुई थी।
नीति आयोग के उपध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा कांग्रेस के न्याय योजना प्रस्ताव (न्यूनितम आय गारंटी योजना) जोकि 6000रु प्रति माह 20 प्रतिशत गरीब परिवारों को देने का वादा किया गया हैं,को नकारते हुए कहा की चुनाव जीतने के लिए पार्टी कुछ भी कह और कर सकती हैं।
मेरे हिसाब से इस योजना के कारण 3.5 से 6 प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे में कमी आएगी। सभी क्रेडीट रेटिंग एजेंसिया हमारी रेटींग नीचे ला सकती हैं। एएनआई सूत्रों के अनुसार कुमार ने कहां कि इस के कारण हमें बहार से कर्ज मिलना बंद हो जाएगा और हमारे निवेश तक रुक सकते हैं।
चुनावी मौसम में आचार सहिंता लागू पार्टियों को किसी भी तरह सरकारी मशींरी को स्वम् के हित के लिए प्रयोग के लिए बाध्य करती हैं। कुमार के एक लोक सेवक होने के नाते आयोग ने उनको कांग्रेस के न्याय प्रस्ताव की आलोचना करने को कहां था। चुनाव आयोग ने उनको 29 मार्च तक जवाब देने को कहा था मगर उनके आग्रह यह समय सीमा 2 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी।