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    गुजरात विधानसभा चुनाव

    भारत का इतिहास है द्वारिका,
    प्रत्येक जन का विश्वास है द्वारिका,
    ना समझना सिर्फ चुनावी सियासत इसे,
    धर्म के पुनारम्भ से जुड़ा एक द्वार है द्वारिका।

    भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक द्वारिका नगरी, जिसे स्वयं भगवान ने अपना स्थान चुना वह द्वारिका नगरी, परन्तु आज का समय कुछ और ही है, अब तो शायद यही कहना उचित होगा..

    देख द्वारिकाधीश आज तेरी द्वारिका का क्या हाल हुआ है,
    जहाँ कभी प्रेम की धाराएं बहती थी, आज वहां इस अधर्मी राजनीति ने क्या बवाल किया है।

    द्वारका विधानसभा क्षेत्र गुजरात के 182 विधानसभा क्षेत्र में से एक है। यह देवभूमि द्वारका जिले में स्थित है। द्वारका जामनगर, गुजरात का एक नगर पालिका परिषद है। द्वारका शहर को 5 वार्डों में विभाजित किया गया है जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव आयोजित किए जाते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार द्वारका नगर पालिका में 38,873 की आबादी है जिसमें से 20,306 पुरुष हैं जबकि 18,567 महिलाएं हैं। द्वारका नगर पालिका में राज्य की 919 औसत संख्या के मुकाबले महिला लिंग अनुपात 914 का है। द्वारका में बाल लिंग अनुपात 873 के करीब है जबकि गुजरात राज्य का औसत 890 है। द्वारका शहर की साक्षरता दर 78.03% है जो राज्य के औसत 75.94% से कम है। द्वारका में पुरुष साक्षरता लगभग 83.00% है जबकि महिला साक्षरता दर 68.27% है।

    2014 में हुए लोकसभा चुनाव के अनुसार द्वारका में मतदातों की संख्या 2,38,059 है, जिनमें पुरुषों की संख्या 1,25,310 तथा महिलाओं की संख्या 1,12,749 है। भाजपा के पाबूबा मानेक यहाँ से विधायक है जिन्होंने 2012 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के मुलुभाई कन्डोरिया अहीर को 5616 वोटों से हराते हुए भाजपा की बादशाहत को बरकरार रखा था। आपको बता दें कि 2007 के चुनाव में भी पाबूबा मानेक ही द्वारका विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

    अगर धार्मिक और चुनावी दृष्टि से द्वारका पर नजर डालें तो कुछ इस प्रकार के आँकड़े सामने आते है :

    धर्म

    कुल योग

    हिन्दू

    85.08%

    मुस्लिम

    14.57%
    सिख

    0.08%

    जैन

    0.01%

    ईसाई

    0.014%

    बौद्ध

    0.01%
    अन्य धर्म

    0.0%